- शाहजहांनाबाद इलाके के बाजपेयी नगर में 42 परिवार मकान बनाकर रह रहे हैं।
- लोगों का कहना, उन्हें नए मकान बनाने का भरोसा देकर यहां से हटा दिया गया था।
- लेकिन, दो साल बाद भी जब मकान नहीं बने तो हम दोबारा यहां आकर रहने लगे हैं।
भोपाल के शाहजहांनाबाद इलाके में अतिक्रमण हटाने पहुंचे नगर निगम के अमले और स्थानीय लोगों में बहस हो गई। महिलाएं जेसीबी मशीन के सामने लेट गईं। युवाओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि अगर उनके घर गिराए, तो आग लगा लेंगे। स्थिति को बिगड़ता देख मौके पर पुलिस बल को बुलाना पड़ा। लोगों ने कार्रवाई को गलत बताते हुए एक बार फिर ज्ञापन दिया है।
बाजपेयी नगर में शुक्रवार दोपहर नगर निगम का अतिक्रमण अमला पहुंचा। यहां पर रहने वाले 42 घरों को अतिक्रमण का बताते हुए गिराने की कार्रवाई शुरू कर दी। इसी दौरान वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। जेसीबी मशीन को देखते ही महिलाएं उसके सामने लेट गईं। लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस को बुलाया गया। लोगों ने आरोप लगाए कि करीब 6 साल पहले भी वे यहां पर ही रहते थे।
लोगों के मुताबिक, बारिश के दौरान दीवार धसने से एक महिला की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशासन ने यहां से हटाते हुए कहा कि दो साल में यहां पर नए मकान तैयार करके दे दिए जाएंगे। उन्होंने यहां से विस्थापित कर दिया। दो साल तक मकान नहीं बनने पर यहां पर हम दोबारा रहने आ गए। हमारे पास इस जमीन के सभी कागजात हैं। यहां कभी सफाई नहीं हुई, लेकिन निगम आज हमारे मकान तोड़ने आ गए। अगर उन्होंने कार्रवाई करने का प्रयास किया, तो हम खुद को आग लगा लेंगे।
खुद ही बना लिए मकान
शाहजहानाबाद थाना क्षेत्र के बाजपेयी नगर में रहने वाले लोगों को 2015 से अब तक मकान बनाए जाने का इंतजार है। मकान नहीं बनने के कारण लोग ही वहां पहुंच गए। इसी को तोड़ने के लिए शुक्रवार को नगर निगम अमला पहुंच गया। इस पर लोगों ने विरोध जताते हुए एक ज्ञापन दिया। इसमें उन्होंने कहा कि अब वे तब तक यहां से नहीं हटेंगे, जब तक कि उन्हें नए मकान तय समय सीमा में बनाए जाने का आश्वास नहीं मिल जाता। ज्ञापन को मौके पर पढ़ा गया।
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