- पिछली बार बेहद कम अंतर से चुनाव हार गए थे एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े।
- बीजेपी विधायक मनोहर ऊंटवाल के आकस्मिक निधन से खाली हुई सीट।
मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए आरक्षित सीट आगर-मालवा से कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों ने बुधवार को नामांकन फॉर्म भर दिया है। बीजेपी ने जहां इस सीट से मनोज ऊंटवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है वहीं कांग्रेस ने दूसरी बार अपने युवा तुर्क विपिन वानखेड़े पर भरोसा जताया है। बता दें कि यह सीट बीजेपी विधायक मनोहर ऊंटवाल के आकस्मिक निधन के बाद रिक्त हुई है।
आगर-मालवा के समीकरण की बात करें तो यहां दलित वोट काफी मायने रखते हैं। एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित इस क्षेत्र में एससी वोट बैंक तकरीबन 70 हजार के आसपास है वहीं एसटी वोट पांच हजार के करीब हैं। इसके अलावा अल्पसंख्यकों के वोट भी 20 हजार के करीब हैं। आरक्षित सीट होने के कारण उम्मीदवार इस सीट पर दलित तबके का वोट किसी एक पार्टी को नहीं जाता है। सामान्य वर्ग का भी वोट लगभग 70 हजार के करीब है। ऐसे में सामान्य वर्ग के लोगों के वोट का भी खासा महत्व है।
क्या है मजबूत पक्ष
दोनों प्रत्याशियों के मजबूत पक्षों के बारे में बात की जाए तो कांग्रेस उम्मीदवार विपिन वानखेड़े के पास पिछले चुनाव का अनुभव है। वह साल 2018 में जब पहली बार चुनावी मैदान में थे तो उनका सामना सांसद मनोहर ऊंटवाल से था जिसके बाद भी वह मात्र 2400 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। वानखेड़े की युवाओं के बीच में अच्छी पैठ है और वह ग्रामीण इलाकों में भी खासे लोकप्रिय हैं।
बीजेपी उम्मीदवार मनोज मनोहर बंटी ऊंटवाल का मजबूत पक्ष उनका अपना कैडर वोट है जो एक अरसे से उनके पिता के साथ रहा है। इसके अलावा उनके लिए पिता के निधन के बाद सहानुभूति भी बड़ा फैक्टर है। हालांकि, राजनीति में उनका अनुभव विपिन की तुलना में बेहद कम है।
कर्ज माफी का मिलेगा कांग्रेस को फायदा
आगर-मालवा में विपिन वानखेड़े के लिए किसानों की कर्जमाफी भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा ग्रामीण है, जहां खेती-किसानी ही मुख्य पेशा है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के कर्जमाफी का बड़ा फायदा इस इलाके के किसानों को भी हुआ है। नतीजतन इस बार किसानों का एक बड़ा वर्ग विपिन वानखेड़े के साथ है। इसके अलावा एक फैक्टर यह भी है कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस ने इस इलाके में बीजेपी का विधायक होने के बावजूद यहां करोड़ों रुपये के विकास कार्य प्रस्तावित किये थे। इसका लाभ भी चुनाव में कांग्रेस को ही मिलेगा।
More Stories
Aaj bhi sadme me harda blast ke pidit
Yuva Congress ne CM ka putla Dahan kiya
Harda hadse par digvijaye ka CM ko patr