मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव 2020 के लिए आरक्षित सीट भांडेर से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया ने बुधवार को अपना नामांकन फॉर्म भरा। बरैया के चुनावी मैदान में आने के बाद भांडेर क्षेत्र का सियासी समीकरण बेहद दिलचस्प हो गया है। बीजेपी ने यहां से कांग्रेस छोड़कर आई पूर्व विधायक रक्षा सिरोनिया को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं बसपा के टिकट पर कद्दावर नेता महेंद्र बौद्ध अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
परंपरागत रूप से बीजेपी की सीट रही भांडेर से कांग्रेस ने जब साल 2018 में रक्षा सिरोनिया को अपना उम्मीदवार बनाया था, तब वह बीजेपी प्रत्याशी रजनी प्रजापति को 40 हजार के रिकॉर्ड मतों से हराने में सफल हुई थीं। जानकारों की मानें तो इस बड़ी जीत में फूल सिंह बरैया का अहम योगदान था। चूंकि क्षेत्र में खासा दबदबा रखने वाले बरैया ने चुनाव के आठ महीने पहले बसपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था। ऐसे में भांडेर से पूर्व में विधायक रह चुके बरैया के समर्थकों ने सिरोनिया को वोट दिया था नतीजतन वह बीजेपी के गढ़ में रिकॉर्ड वोट से जीतने में सफल हुई थीं।
इस बार के उपचुनाव में इस सीट का सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गया है। जानकारों का मानना है कि सिरोनिया के खिलाफ बरैया की उम्मीदवारी के बाद समीकरण बदलना स्वाभाविक है। जहां एक ओर बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद सिरोनिया का क्षेत्र में लगातार विरोध हो रहा है वहीं दूसरी ओर बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता उनसे खफा हैं। इसके अलावा इस सीट से बसपा के उम्मीदवार को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
बसपा के उम्मीदवार महेंद्र बौद्ध की पहचान इस इलाके के दिग्गज नेता के रूप में है। बौद्ध कांग्रेस से अपना टिकट चाहते थे लेकिन बरैया की उम्मीदवारी के एलान के बाद नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी और बसपा का दामन थाम लिया। यही नहीं, वो बसपा के उम्मीदवार बन कांग्रेस को चुनौती देने मैदान में भी आ गए।
क्या है जातिगत समीकरण ?
भांडेर विधानसभा क्षेत्र के जातिगत आंकड़े बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 30.3 प्रतिशत वोटर अनुसूचित जाति के हैं। इसके बाद यादव 16.5 फीसदी, दांगी 15.1 फीसदी, ब्राह्मण 9.5 फीसदी और 4 फीसदी वोट ठाकुरों के हैं। भांडेर के बारे मे एक दिलचस्प बात यह भी है कि साल 1962 से 1993 तक यहां की जनता ने किसी भी विधायक को दूसरी बार नहीं चुना था।
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