- भारत की प्रतिव्यक्ति आय बांग्लादेश से कम होने का अनुमान बहुत बड़ा झटका, फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी में बड़े कदम उठाना जरूरी।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने देश की लगातार बिगड़ती आर्थिक हालत के लिए मोदी सरकार की ग़लत आर्थिक नीतियों और फ़ैसलों को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार को अब भी संभल जाना चाहिए और अधकचरे संघी अर्थशास्त्रियों की बजाय डॉ. मनमोहन सिंह से सलाह लेनी चाहिए। दिग्विजय सिंह ने ये बातें दुनिया के जाने माने अर्थशास्त्री प्रोफ़ेसर कौशिक बसु के उस ट्वीट को शेयर करते हुए लिखी हैं, जिसमें प्रोफ़ेसर बसु ने भारत की प्रति व्यक्ति आय बांग्लादेश से भी कम हो जाने को बहुत बड़ा झटका बताया है।
दिग्विजय सिंह ने प्रोफ़ेसर बसु के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा है, “मोदी जी की नीतियों की भारत के लिये उपलब्धि!! मोदी भक्तों अब तो अपनी भूल स्वीकारो। मेरा मोदी जी से अनुरोध है, अब भी समय है अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए डॉ मनमोहन सिंह जी से राय लिया करें ना कि अध कचरे संघी अर्थशास्त्रियों से। मोदी जी बेहतर वित्त मंत्री ढूँढें।”
दरअसल दुनिया के बड़े अर्थशास्त्री और विश्व बैंक के पूर्व चीफ़ इक़ॉनमिस्ट प्रोफ़ेसर कौशिक बसु ने अपने ट्वीट में भारत की आर्थिक हालत पर गहरी चिंता ज़ाहिर की है। उन्होंने आम भारतीय लोगों की औसत कमाई बांग्लादेश से भी कम होने के ताज़ा आँकड़ों को बहुत बड़ा झटका बताया है और भारत सरकार को हालात में सुधार के लिए फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी के मामले में बड़े कदम उठाने की सलाह दी है।
प्रोफ़ेसर बसु ने ट्विटर पर लिखा है, मैंने ताज़ा आंकड़ों को अच्छी तरह देखा। आईएमएफ़ का अनुमान बताता है कि बांग्लादेश 2020-21 के दौरान वास्तविक प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत से आगे निकल जाएगा। कोई बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन करे तो यह अच्छी बात है। लेकिन भारत जैसी अर्थव्यवस्था का इस तरह पिछड़ना बहुत बड़ा झटका है, जबकि पांच साल पहले तक भारत को बांग्लादेश पर 25% की बढ़त हासिल थी। इन हालात में फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी के क्षेत्र में बहुत बड़े कदम उठाने की ज़रूरत है।
आपको बता दें कि हाल ही में आईएमएफ़ की तरफ़ से जारी अनुमानों के मुताबिक़ मौजूदा कारोबारी साल के दौरान भारत की प्रतिव्यक्ति आय में 10 फ़ीसदी से ज़्यादा की गिरावट आने की आशंका है, जबकि इसी दौरान बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय क़रीब 4 फ़ीसदी बढ़ने की उम्मीद है। इसका नतीजा यह होगा कि भारत की प्रतिव्यक्ति आय बांग्लादेश से भी कम हो जाएगी। इतना ही नहीं, प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत दक्षिण पूर्व एशिया का तीसरा सबसे गरीब देश बन जाएगा।
सवाल यह है कि क्या मोदी सरकार ऐसे गंभीर आर्थिक हालात में प्रोफ़ेसर कौशिक बसु जैसे बड़े अर्थशास्त्री की सलाह पर ध्यान देगी? या दिग्विजय सिंह की सलाह मानकर पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े जानकार डॉ मनमोहन सिंह से मार्गदर्शन हासिल करने की समझदारी दिखाएगी? मोदी सरकार के पिछले छह साल के रंग-ढंग को देखकर ऐसी उम्मीद रखना आसान नहीं है।
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