ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्य प्रदेश बीजेपी के बीच आख़िर चल क्या रहा है? ये सवाल इसलिए कि जब प्रदेश में उनके ही दल-बदल के फ़ैसले के कारण इतिहास के सबसे बड़े उपचुनाव हो रहे हों, तो महाराज उसके प्रचार और गहमा-गहमी से दूर दिल्ली में क्या कर रहे हैं? जी हां, ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव के बीच मध्य प्रदेश में नहीं, दिल्ली में हैं। और इसका खुलासा ख़ुद उन्होंने ही किया है, अपनी एक तस्वीर को ट्वीट करके। ये तस्वीर बीती रात बारह बजकर दो मिनट पर उनके एक समर्थक कृष्णा राठौर ने ट्विटर पर शेयर की है, जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रीट्वीट किया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया की इस तस्वीर के साथ दिए विवरण में लिखा है, “मेहगांव से कांग्रेस प्रत्याशी रही रजनी श्रीवास्तव जी, अजा मोर्चा भिंड जिला अध्यक्ष, सुनील शैजवार जी, प्रदेश कांग्रेस सचिव रामहरि शर्मा जी ने आज सांसद श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के दिल्ली निवास पर भाजपा की सदस्यता की ग्रहण की।”
वैसे तो सिंधिया इस तस्वीर में कांग्रेस के लोगों को बीजेपी में शामिल कराने का अपना पिछले कुछ महीनों का जाना-पहचाना काम ही कर रहे हैं। लेकिन तस्वीर में वे क्या कर रहे हैं, इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि चुनाव की सरगर्मी जब पूरे उफान पर है, ऐसे वक़्त में सिंधिया ने मध्य प्रदेश से दूर दिल्ली में डेरा क्यों डाल रखा है?
इस सवाल का जवाब कहीं उन्हीं चर्चाओं में तो नहीं छिपा जो पिछले कई दिनों से मध्य प्रदेश की चुनावी फ़िज़ाओं में तैर रही हैं? चर्चा ये कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी में अपनी उपेक्षा से नाराज़ होकर प्रचार से किनारा कर लिया है। इस नाराज़गी की शुरुआत उस वक़्त हुई जब उपचुनाव के लिए बनाए गए बीजेपी के रथ पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की तस्वीरें नहीं लगीं। कहा जा रहा है कि इसके बाद सिंधिया के सब्र का बांध उस वक़्त टूटा जब बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें दसवें नंबर पर डाल दिया।
इन घटनाओं के बाद से ही वे मध्य प्रदेश के चुनाव प्रचार में कहीं नज़र नहीं आए। यहाँ तक कि इमरती देवी के नामांकन के मौक़े पर भी उनकी ग़ैरमौजूदगी सबने महसूस की। और मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस बारे में पूछे जाने पर खुद इमरती देवी ने कहा कि ये कांग्रेस नहीं है, जहां सिर्फ़ एक ही नेता हों। ये बीजेपी है, जहां नेताओं की फ़ौज है और प्रचारक बहुत हैं। यानी कांग्रेस में रहते हुए जिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की गिनती बड़े सिपहसालारों में होती थी, उन्हें अब उनके कट्टर समर्थक समझे जाने वाले नेता भी सरेआम बीजेपी की फ़ौज में शामिल महज एक किरदार बताने लगे हैं।
सिंधिया की ग़ैरमौजूदगी पर उठते इन सवालों पर बीजेपी भले ही कह दे कि ऐसा कुछ नहीं है। सिंधिया जल्द ही प्रचार में नज़र आएंगे। लेकिन ख़ुद सिंधिया ने दिल्ली से अपनी तस्वीर साझा करके शायद मध्य प्रदेश बीजेपी की सियासत और अपने बीच बढ़ती दूरी का ही संकेत देने की कोशिश की है।
अब अगर शेयर की गई तस्वीर के कंटेंट पर नज़र डालें, तो शायद सिंधिया यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि दल-बदलुओं की फ़ौज तैयार करने की अपनी ज़िम्मेदारी निभाने को वे अब भी तैयार हैं और लगातार निभा भी रहे हैं, लेकिन इस काम के बदले में उन्हें कम से कम इस नई फ़ौज का सिपहसालार तो माना जाए।
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