- पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों को लेकर शुरू की थी योजना।
- 25 लाख 49 हजार 451 लाभार्थी किसानों को मिला था इसका फायदा।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना कांग्रेस ने किसानों के हित में प्रारम्भ की थी जिसे शिवराज सरकार के आते ही बस्ते में डाल दिया गया। कांग्रेस ने इस योजना के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए अपने वचन पत्र में पहला स्थान दिया है। जिसमें कहा गया है कि इस दायरे में आने वाले हर किसान का कर्ज माफ किया जायेगा।
वर्ष 2018 में कांग्रेस की तरफ से लिए गए कर्ज माफी के फैसले को चुनाव के बाद गंभीरता से लागू किया गया। जिसमें उन सभी हितग्राहियों का कर्जा माफ़ हुआ जो एक लम्बे अरसे से इसके इन्तजार में रहे। मध्य प्रदेश में 15 सालों बाद कांग्रेस की वापसी होते ही “जो कहा वो कर के दिखाया” वाला वादा साफ दिखाई पड़ता है। चुनाव जीतने के बाद पहली प्राथमिकता तब भी किसान थे और आज भी इस वचन पत्र में किसान हितग्राही ही हैं।
यह थे कर्जमाफी के वो कुछ चरणबद्ध तरीके
कमलनाथ सरकार की ‘जय किसान ऋण माफी योजना’ के कुछ बिंदु-
- कमलनाथ ने शपथ के बाद ही सबसे पहले किसानों की कर्जमाफी की फ़ाइल पर साइन किए थे।
- शुरुआत में माफी योजना के अंतर्गत प्रदेश में करीब 25 लाख 49 हजार 451 लाभार्थी किसान बताए गए थे, जिनके बैंक खाते में एक मार्च 2019 तक राशि भेजी जाने का प्रस्ताव था।
- बाद में किसानो की कुल संख्या को 55 लाख बताया गया, जिनका कर्ज माफ होना था. इसमें लघु और सीमांत 35 लाख कृषकों को प्राथमिकता से ऋण माफी का लाभ मिलना था।
- किसानों को 22 फरवरी 2019 से ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र और किसान सम्मान ताम्र पत्र मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किए गए थे।
- दो लाख तक का लोन माफ होना था, यानी जिन किसानों ने दो लाख तक का कर्ज लिया था, उन किसानों का कर्ज माफ किया जाना था।
- पहले 31 मार्ज 2018 तक लिए गए कर्ज की होनी थी माफी. लेकिन किसान आंदोलन और विपक्ष के दबाव के चलते लिया गया था तारीख बढ़ाने का फैसला।
- केवल खेती के लिए उठाए कर्ज पर माफी मिलने का था प्रावधान, यानी जिन्होंने फसल के नाम पर कर्ज लिया था उन्हीं का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया गया था. क्योंकि योजना किसान कर्ज माफी के लिए थी।
More Stories
Aaj bhi sadme me harda blast ke pidit
Yuva Congress ne CM ka putla Dahan kiya
Harda hadse par digvijaye ka CM ko patr