कांग्रेस ने अपनी सरकार आने से कुछ महीनों बाद ही कन्या सहायता राशि में बड़ा बदलाव किया था। जिसके चलते बेटियों की शादी के लिए परेशान हो रहे घर वालों के ऊपर से बोझ काफी कम हो गया था। भाजपा सरकार के आते ही इस राशि को तुरंत समाप्त कर दिया गया। लाड़ली लक्ष्मी योजना चलने वाली बीजेपी, बेटियों की सुरक्षा का झूठा वादा करने वाली बीजेपी ने कन्या सहायता योजना की राशि को 51हजार से 28हजार करने में बिलकुल देर नहीं लगायी।
जानिये किसे दी जाती है राशि ?
मध्यप्रदेश शासन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अंतर्गत दीनदयाल अन्त्योदय मिशन प्रदेश के निःशक्त, निर्धन और कमजोर परिवारों की सहायता के लिये आम लोगों की भावना और उनकी भागीदारी को दृष्टिगत रखते हुये स्थापना की गई थी। इसके अंतर्गत निराश्रित, निर्धन कन्या/विधवा/परित्यक्ता के सामूहिक विवाह हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने की योजना तैयार कर वर्ष 2006 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के नाम से प्रारम्भ की गई। जिसकी राशि 25 हजार रूपये राखी गयी थी। इसे बढ़ा कर कमलनाथ सरकार ने 51 हजार कर दिया था।
किसे है पात्रता
- कन्या/कन्या के अभिभावक मध्यप्रदेश के मूल निवासी हो।
- कन्या के लिए 18 वर्ष तथा पुरुष के लिए 21वर्ष की आयु पूर्ण हो गई हों।
लाभ
कन्याओं की गृहस्थी की स्थापना हेतु रूपये 48,000/-कन्या के खाते में जमा कराये जाते थे एवं सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करने वाले निकाय यथा नगरीय निकाय, जनपद पंचायत को विवाह आयोजन की प्रतिपूर्ति के लिये रूपये 3,000/- कुल रूपये 51,000/-हजार दिये जाने का प्रावधान किया गया था जिसे कमलनाथ सरकार के आते ही पुनः शुरू किया जायेगा।
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