कोरोना संक्रमण काल में सेवाएं दे रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मियों एवं जन स्वास्थ्यरक्षकों की मांगों का निराकरण करेंगे. यह वादा कमलनाथ ने उपचुनाव के लिए जारी किए गए वचन पत्र में किया है.
कोरोना काल के हालात में स्वास्थ्यकर्मी लगातार हड़ताल कर रहे है. अनुबंध कर्मियों का कहना है कि हमें स्थाई करने की मांग नहीं माने जाने पर, आंदोलन और लंबा चलेगा. ऐसे में प्रदेश में कोरोना के संकट में अनुबंध कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के चलते, स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर पड़ने लगा है. यह स्थिति पूरे प्रदेश में कई महिनों से बनी हुई है.
स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्यकर्मियों के पक्ष में खड़े होने की वजह वैकल्पिक व्यवस्था की बात कही है. लेकिन प्रदेश सरकार सभी अनुबंध कर्मी की अपील तक नहीं सुन रही है। न ही वापस लौट आने के लिए कोई आश्वासन दे रही है. दरअसल, बोकारो में अनुबंधित पारा कर्मी, एएनएम, जीएनएम, फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन संघ ने अपनी वेतन बढ़ोत्तरी, कोराना से जुड़ी सुरक्षा कीट और स्थाई करने आदि कई सारी सुविधाओं की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं.
इनका कहना है कि लगातार 10 से 15 वर्षों से अनुबंधन पर काम कर रहे हैं. अभी तक हम लोगों का समायोजन के विषय पर कोई कार्य नहीं किया जा रहा है. कम वेतन पर हमारा परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. चार महीनों से कोरोना काल में भी अपनी सेवा दे रहे हैं. मगर हमारी सुरक्षा को लेकर सरकार नहीं सोच रही है.
हम लोगों ने कई बार अपनी मांगों को लेकर सरकार को अवगत कराया है. इसके बाद भी हमारी उपेक्षा लगातार जारी है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के फरमान से हम डरने वाले नहीं है. अगर सरकार हमें बर्खास्त करना चाहती है तो कर दे, जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती है, तब तक हम हड़ताल जारी रखेंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वास्थ्य विभाग के हड़ताल पर गए अनुबंध कर्मियों से अपील की है कि वह इस कोरोना काल में, सभी काम पर लौट आएं. क्योंकि कोरोना के समय सभी की जिम्मेदारी बनती है. साथ में सरकार की भी जिम्मवारी है कि वह अपने कर्मचारियों की सभी मांगों को सुने, समझें और उनके समर्थन में निर्णय ले.
कमलनाथ ने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो वे स्वास्थ्य कर्मियों की सभी मांगों को पूरा करेंगे।
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