मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल के एक कोविड-19 केयर सेंटर को छोड़कर प्रदेश के ऐसे सभी केन्द्रों को बंद कर दिया है। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार की आलोचना की है, जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार के इस निर्णय को सही ठहराया है। ये केन्द्र लक्षण रहित या बहुत हल्के लक्षणों वाले कोविड-19 के मरीजों के ठहरने एवं उपचार के लिए स्कूलों, कॉलेजों एवं लोगों के निजी भवनों में स्थापित किए गये थे।
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त निदेशक डॉ. वीना सिन्हा ने रविवार को बताया कि भोपाल के कोविड-19 केयर सेंटर को छोड़कर प्रदेश के समस्त कोविड केयर सेंटरों को बंद करने का यह आदेश 31 दिसंबर को राज्य के समस्त कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को जारी किया गया था।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में अब केवल एक ही कोविड-19 केयर सेंटर चल रहा है और वह भोपाल में है। सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में अब कोविड-19 के मरीज अपने ही घरों में पृथक-वास पर रह रहे हैं। इसलिए अब इनकी जरूरत नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति तथा अधिकतर कोविड केयर सेंटर में बहुत ही कम लोग आने के मद्देनजर नीतिगत निर्णय लेते हुए इन्हें बंद किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
इस आदेश के आने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए रविवार को ट्वीट किया, प्रदेश में कोरोना से मौतें जारी। संक्रमण का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। (मध्यप्रदेश) विधानसभा का सत्र तक कोरोना के भय से निरस्त और शिवराज सरकार ने भोपाल को छोड़कर प्रदेश के सभी कोविड केयर सेंटर बंद किए।
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