12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती को जहां पूरा देश ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में मना रहा था वहीं मध्यप्रदेश में शिक्षित युवा बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त करने के लिए सड़कों पर प्रदर्शन करना पड़ा।
मामला स्थाई शिक्षकों की भर्ती से संबंधित है स्कूल शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा चल रही स्थाई शिक्षकों भर्ती में देरी एवं रिक्त पदों में वृद्धि की मांगों को लेकर शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने आज राजधानी भोपाल में आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह जी के नाम ज्ञापन-पत्र सौंपकर सांकेतिक रूप से बंगले के सामने विरोध प्रदर्शन कर विभाग से माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए शीघ्र रोस्टर जारी कराने की मांग की।
शिक्षक पात्रता संघ के प्रदेश संयोजक रंजीत गौर के अनुसार स्थाई शिक्षकों की भर्ती के लिए स्कूल शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के रिक्त पदों पर स्थाई शिक्षकों की भर्ती के लिए व्यापम द्वारा संयुक्त रूप से शिक्षक पात्रता परीक्षा फरवरी-मार्च 2019 में आयोजित की गई थी।
लगभग 2 वर्षों के पश्चात भी आदिम जाति कल्याण विभाग से माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए रोस्टर जारी न होने से शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में आक्रोश स्पष्ट दिखाई दे रहा है जिसके लिए वह संबंधित अधिकारियों व मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री को कई बार आवेदन/ ज्ञापन-पत्र भी सौंप चुके हैं परंतु अभी तक रोस्टर जारी न होने से उन्हें मजबूर होकर ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ पर सड़कों पर प्रदर्शन करना पड़ा।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्थाई शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को कोरोना की वजह से बीच में ही रोक दिया गया है जिसका विरोध भी पात्र अभ्यर्थियों द्वारा किया गया एवं सत्यापन प्रक्रिया को पुनः प्रारंभ कर समस्त रिक्त पदों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से स्थाई शिक्षकों की भर्ती की मांग भी की गई।
वर्ष 201-12 के बाद से प्रदेश के शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है लगभग 70,000 शिक्षकों के रिक्त पद बतलाए जा रहे हैं। अधिकांश योग्यता धारी अपनी निर्धारित आयु सीमा को पार कर रहे हैं इसके बावजूद भी सरकार स्थाई शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को गंभीरता से नहीं ले रही है।
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