कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, प्रदेश संगठन में फिलहाल बदलाव नहीं होगा। कांग्रेस का फोकस उप चुनाव पर रहेगा। कमलनाथ बुधवार सुबह ही दिल्ली से भोपाल पहुंचे। वे यहां मानस भवन में कांग्रेस द्वारा आयोजित आदिवासी सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सरकार को युवा पीढ़ी, किसान व गरीब की चिंता नहीं है। बीजेपी सिर्फ मीडिया की राजनीति करती है।
कमलनाथ पिछले दो सप्ताह से दिल्ली प्रवास पर थे। इस दौरान उनकी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी से अलग-अलग मुलाकात हुई थी। उस समय कयास लगाए जा रहे थे, मध्य प्रदेश में जल्द ही संगठनात्मक तौर पर बदलाव होगा, लेकिन कमलनाथ ने भोपाल पहुंचते ही इन अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने साफ कर दिया, फिलहाल प्रदेश संगठन में बदलाव नहीं होगा। यानी कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष, दोनों पदों पर बने रहेंगे।
कमलनाथ ने कहा, सोनिया और राहुल से देश की राजनीति को लेकर चर्चा हुईं। इसके साथ ही प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितयों और संगठन की गतिविधियों को लेकर भी बात हुई है। उन्होंने कहा, कांग्रेस का फोकस आगामी उप चुनाव पर रहेगा। इसे लेकर भी शीर्ष नेतृत्व से चर्चा हुई है। दरसअल, खंडवा लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस में उठापटक चल रही है। एक तरफ पूव्र केंद्रीय मंत्री अरुण यादव क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस समर्थक निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने अपनी को टिकट देने का दावा ठोक दिया है।
कमलनाथ ने कहा- प्रदेश में घोषणा व आश्वासनों की सरकार
आदिवासी सम्मेलन में कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में घोषणा और आश्वासनों की सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी युवा भविष्य में प्रदेश का निर्माण करेंगे। इस समय इन युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। बता दें, सम्मेलन में शामिल होने के लिए कमननाथ ने 16 अगस्त को प्रदेश के सभी आदिवासी संगठनों को एक पत्र लिखा था।
आदिवासी वोट बैंक को साधने की कोशिश बीजेपी-कांग्रेस की कोशिश 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव और 2023 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट बैंक को साधने की है। यही कारण है, कांग्रेस ने आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया। खंडवा लोकसभा के अलावा जोबट व रैगांव में आदिवासियों की अच्छी खासी आबादी है। यही वजह है, कांग्रेस ने 9 अगस्त आदिवासी दिवस पर अवकाश का मुद्दा उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 नंवबर को जनजातीय गौरव दिवस पर अवकाश की घोषणा की थी।
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