April 20, 2024

कमलनाथ ने कहा- शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर की जगह कर्ज निर्भर बनाया

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने प्रदेश को कर्ज में डुबो दिया है। कर्ज लेकर रोजगार की जगह सरकारी आयोजन और पार्टी की फिजूलखर्ची की जा रही है। जनता की गाड़ी कमाई को कर्ज के ब्याज में भरा जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर की जगह कर्ज निर्भर बनाने का आरोप लगाया है।

कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार पिछले 2 साल से हर माह 3900 करोड़ रुपए कर्ज ले रही है। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश दिन पर दिन कर्ज के दलदल में डूबता चला जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान की सरकार आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता ने आशा की थी कि विधानसभा के बजट सत्र में सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का कोई रोडमेप प्रस्तुत करेगी। लेकिन बजट सत्र समाप्त होने के बाद यह स्पष्ट है कि सरकार जब तक जियो सुख से जियो और उधार लेकर घी पियो के सिद्धांत पर चल रही है।

कमलनाथ ने प्रदेश के कर्ज के आंकड़ों का बिंदुवार विश्लेषण करते हुए जारी बयान में कहा कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के समय वर्ष 2020 की स्थिति में लगभग एक लाख 80 हजार करोड़ रुपये का ऋण राज्य सरकार पर था जो कि वर्ष 2021 की स्थिति में 2.33 लाख करोड़ एवं वर्ष 2022 की स्थिति में 2.73 लाख करोड़ हो चुका है। सरकार के अनुसार वर्ष 2023 की स्थिति में मध्यप्रदेश पर कुल ऋण 3.25 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2020-21 में 52413 करोड़ रुपये एवं वर्ष 2021-22 में 40082 करोड़ रुपये शुद्ध ऋण लिया है । इसका आश्य है कि मध्यप्रदेश सरकार विगत दो वर्षों से हर महीने लगभग 3 हजार 9 सौ करोड़ रुपये का ऋण ले रही है । सरकार के अनुसार वर्ष 2022-23 में 51829 करोड़ रुपये का ऋण लेगी । वर्ष 2022-23 में सरकार हर महीने लगभग 4 हजार 3 सौ करोड़ रुपये ऋण लेगी।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जो ऋण लिये जाते हैं उस पर प्रतिवर्ष उसे ब्याज का भुगतान करना होता है । वर्ष 2017-18 में सरकार द्वारा लिये गये ऋण पर 11045 करोड़ रुपये ब्याज का भुगतान किया था । 2020-21 में सरकार द्वारा 15917 करोड़ रुपये एवं 2021-22 में 20040 करोड़ रुपये ब्याज के भुगतान में सरकार द्वारा खर्च किये जा रहे हैं । सरकार के अनुसार वर्ष 2022-23 में वह 22166 करोड़ रुपये केवल ब्याज के भुगतान में खर्च करेगी।

उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि वर्ष 2021-22 में सरकार ने जो ऋण लिया था उसकी 50 प्रतिशत राशी अर्थात बीस हजार करोड़ रुपये केवल ब्याज के भुगतान में व्यय हुई और वर्ष 2022-23 में ब्याज भुगतान की राशी बढ़कर बाईस हजार करोड़ रुपये हो जाएगी । पिछले छह वर्षों में (वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक के) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 83 हजार करोड़ रुपये की राशी केवल ब्याज के भुगतान में व्यय की है

वर्ष 2020 में सरकार परिवर्तन के बाद नयी सरकार ने गत दो वर्षों में 92 हजार 500 करोड़ रुपये के ऋण लिये और 36 हजार करोड रुपये की राशी केवल ब्याज में खर्च की है। इस वर्ष यह सरकार लगभग 52 हजार करोड़ रुपये का ऋण लेगी और 22 हजार करोड़ रुपये ब्याज चुकाने में खर्च करेगी।

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