
भोपाल-पंचायत चुनावों में 4 लाख कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है लेकिन ये कर्मचारी खुद अपना वोट नहीं डाल पाएंगे। इसकी वजह यह है कि पंचायत चुनावों में कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट पेपर जारी नहीं किए जाते। दूसरी ओर नगरीय निकाय चुनावों में जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है, उन्हें इलेक्शन ड्यूटी बैलेट जारी किए जा रहे हैं जिनका उपयोग वे वोट डालने में कर सकेंगे।
पंचायत चुनाव में पहले चरण का मतदान 25 जून, दूसरे चरण का 1 जुलाई और तीसरे चरण का मतदान 7 जुलाई को होना है। राज्य निर्वाचन आयोग ने तीनों चरणों में चुनाव ड्यूटी लगाने की जिम्मेदारी कलेक्टरों को सौंपी है। इसलिए एक साथ सभी कर्मचारियों की ड्यूटी नहीं लगेगी।
पंचायत चुनावों में डाक मत पत्रों के उपयोग को लेकर विभिन्न राज्य निर्वाचन आयुक्तों ने चर्चा की, लेकिन निष्कर्ष यही सामने आया कि पंचायत चुनावों में डाक मतपत्र का इस्तेमाल संभव नहीं है। क्योंकि मतदान के तत्काल बाद काउंटिंग कराए जाने का प्रावधान है।
समय कम होने से डाक मतपत्र काउंटिंग के लिए नहीं पहुंच पाते। वहीं नगरीय निकाय चुनावों में मतदान और मतगणना के बाद का समय पर्याप्त रहता है, इसलिए कर्मचारियों का जिस जिले से संबंध है, वहां डाक से मतपत्र भिजवा सकता है।
ऑडिट भी नहीं
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव खर्च का भी ऑडिट नहीं किया जाता। वहीं महापौर और पार्षद प्रत्याशियों को खर्च का ब्योरा देना जरूरी है।
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