April 20, 2024

सोनिया गांधी से पूछताछ पर भड़के आजाद, पहले जंगों में हिदायत होती थी कि बीमार पर हाथ नहीं उठाना

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में कांग्रेस का सत्याग्रह चल रहा है। ईडी के दुरुपयोग के खिलाफ कांग्रेस को इस लड़ाई में बागी समूह G23 का भी साथ मिल गया है। मंगलवार को पहली बार कांग्रेस G23 समूह के नेता रहे गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा मीडिया के सामने आए। दोनों दिग्गजों ने केंद्र सरकार के इस रवैए पर जमकर हमला बोला।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, ‘एक दो महीने से मेरी तबीयत खराब थी, जिसके कारण मैं पहले प्रदर्शन में शामिल नहीं हो पाया। कौन सा पेपर है नेशनल हेराल्ड का जो ईडी के पास नहीं है। ये लोग कई सालों से जांच कर रहे हैं। राहुल को कई बार ईडी ने बुलाया और पूछताछ की। केस एक है, परिवार एक है, जब बेटे से पांच दिन आपने कई घंटों बात की तो इसी केस में सोनिया जी को क्यों बुलाया? सोनिया जी की तबीयत ठीक नहीं है, उनकी उम्र भी हो रही है।’

आजाद ने आगे कहा कि, ‘क्या इस तबीयत में सोनिया जी ये प्रेशर झेल लेंगी, जब जवान लोग नहीं झेल पाते। सोनिया गांधी से ईडी टेक्नीकल सवाल पूछ रही है। पहले जंगों में बादशाह की हिदायत होती थी कि बीमार और महिलाओं पर हाथ नहीं उठाना। मैं सरकार को ईडी को कहूंगा कि सोनिया जी को न बुलाया जाए। राहुल गांधी जी से पूछताछ की जा चुकी है। सोनिया जी की सेहत से खिलवाड़ ठीक नहीं है।’

कांग्रेस के दिग्गज नेता आनंद शर्मा ने कहा कि, ‘बहुत दिन बाद मैं और गुलाम नबी आजाद आपसे से मुखातिब हुए हैं। पूछताछ करना कोई समस्या नहीं है. हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है। हमारे देश में सबके मौलिक अधिकार हैं। कानून को शस्त्र बना कर इस्तेमाल किया जा रहा है। सारे तथ्य सामने हैं पिछले एक दशक से सबके सामने है। जब राहुल गांधी से उसी मामले में पूछताछ की जा चुकी है तो फिर तीसरे दिन सोनिया को क्यों बुलाया? ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। देश में महंगाई और बेरोज़गारी बड़े मुद्दे हैं। मैं सरकार से अपील करता हूं कि संसद की गरिमा को लोकतंत्र को बचा कर रखें।’

प्रेस वार्ता के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘ED का जो तमाशा हो रहा है देश के अंदर, पहले राहुल गांधी जी को बुलाया और आज तीसरे दिन सोनिया जी को बुलाया है। ED का आतंक है देश के अंदर और ये जो आतंक मचा रखा है इसका फैसला जल्दी होना चाहिए। इनका अलग ही तरीका है, तफ्तीश करने का भी, अरेस्ट करने का भी, बयान लेने का भी। इनको एक तरह से CBI से ज्यादा पॉवर मिली हुई है। ED का उपयोग सरकारें गिराने के लिए किया जा रहा है। ED सरकारें गिराने का काम कर सकती है, लेकिन मंत्रिमंडल बनाने का काम नहीं कर सकती।’

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