भोपाल: मध्यप्रदेश में बारिश से नदी-नाले उफनाए हुए हैं। छिंदवाड़ा में दोपहर बाद तेज बारिश से निचले इलाकों की बस्तियों और सड़कों पर पानी भर गया। ग्वालियर-चंबल में हालात बिगड़ रहे हैं। शिवपुरी में सिंध में बाढ़ से कोलारस में भड़ौता रपटे के ऊपर पानी बह रहा है। रन्नौद और कोलारस का संपर्क टूट गया है। नदी के आसपास धान की फसलें डूब गईं। श्योपुर में कोटा बैराज से छोड़े गए पानी और लगातार बारिश से चंबल नदी के साथ पार्वती व दूसरे नदी-नाले उफनाए हुए हैं। जिले के तीन गांव सूंडी, सांड और झारबड़ोदा टापू बन गए। भोपाल के कलियासोत डैम से मगरमच्छ बाहर आ गया। इससे नगर निगम की टीम ने यहां मौजूद पर्यटकों को खदेड़ दिया।
मुरैना और आसपास के इलाकों में चंबल खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिले की ग्राम पंचायत रतनबसई, लुधावली, उसेद, विंडवा, रायपुर, भदावली, नगरा के लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। 24 घंटे के दौरान अशोकनगर में बेतवा नदी पर बने राजघाट बांध के 18 में से 14 गेट खोलने पड़े। पहले से ही तवा, नर्मदा, शिप्रा, बेतवा और पार्वती खतरे निशान को क्रॉस कर चुकी हैं।
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि अगले 4 दिन प्रदेश में तेज बारिश से कुछ राहत रहेगी। ट्रफ लाइन के उत्तर की तरफ मूव करने के कारण प्रदेश में तेज बारिश का दौर कुछ धीमा होगा। नमी रहने के कारण रिमझिम होती रहेगी। बीच-बीच में कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विभाग ने भोपाल समेत आसपास के इलाकों में अभी भी बारिश होने की संभावना जताई है।
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