April 20, 2024

मौसम विभाग ने दी चेतावनी, 20 अगस्त से 23 अगस्त तक पूरे एमपी में होगी तेज़ बारिश

भोपाल- कुछ दिनों की राहत के बाद मध्यप्रदेश 19 अगस्त से एक बार फिर से जमकर भीगने वाला है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह की मानें तो फिलहाल प्रदेश में तेज बारिश के आसार नहीं हैं, लेकिन 19 अगस्त की रात में बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम बन रहा है, जो पूर्वी मध्यप्रदेश से एंट्री करेगा।

इस दिन रात में जबलपुर-शहडोल संभाग की तरफ से बारिश शुरू होगी। इसके बाद 20, 21 और 22 अगस्त को प्रदेशभर में तेज बारिश की संभावना है। प्रदेश में अब तक 30.87 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक की सामान्य बारिश 25.63 इंच से 20% ज्यादा है। उधर, खंडवा में इंदिरा सागर डैम के 12 गेट 6 मीटर ऊंचाई तक खोल दिए गए हैं। ऐसे में यहां के मनमोहक नजारे को देखने खंडवा, बुरहानपुर, देवास से लेकर इंदौर तक के पर्यटक पहुंच रहे हैं।

मौसम वैज्ञानिकों द्वारा जताए गए पूर्वानुमान के मुताबिक अगस्त के बाकी 13 दिन में से 6 या 7 दिन पानी बरस सकता है। मौसम विशेषज्ञ पीके साहा ने बताया कि 14-15 अगस्त को जिस मानसूनी सिस्टम के कारण तेज बारिश हुई थी, वैसा ही एक और सिस्टम 19 अगस्त को बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में बनने की संभावना है। 13 अगस्त को भी यहीं पर ऐसा ही सिस्टम बना था, जो डिप्रेशन में बदलकर ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, होता हुआ मध्यप्रदेश पहुंचा था।

19 अगस्त को बनने वाले सिस्टम के भी इसी ट्रैक पर ही बढ़ने की संभावना दिख रही है। मानसून ट्रफ लाइन भी इस दौरान और नीचे खिसक सकती है। यदि ऐसा हुआ तो 20 अगस्त से तीन-चार दिन फिर भोपाल सहित मध्य प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश हो सकती है।

अगले 24 घंटे ऐसा रहेगा मौसम
प्रदेशभर के ज्यादातर जिलों में आसमान साफ रहेगा। इंदौर और उज्जैन संभागों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। उज्जैन, नर्मदापुरम, भोपाल, चंबल, ग्वालियर, शहडोल, रीवा, जबलपुर और सागर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है।

इंदिरा सागर डैम के 12 गेट खुले
खंडवा में इंदिरा सागर डैम के 12 गेट 6 मीटर ऊंचाई तक खुल दिए गए हैं। बांध के अप स्ट्रीम व नर्मदा के ऊपरी क्षेत्र से पानी की आवक लगातार बनी हुई है। बांध का लेवल नियंत्रित करने के लिए बांध प्रबंधन ने खुले 12 गेटों की ऊंचाई एक मीटर और बढ़ा दी गई है। मंगलवार को 5 मीटर खोले थे, जो बुधवार 6 मीटर तक खोल दिए गए। बांध के गेट व टरबाइनों से कुल 18,338 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।

इंदिरा सागर परियोजना प्रमुख एके सिंह ने बताया, हमारे अफसर बांध के जलस्तर की सतत निगरानी कर रहे हैं। शाम 6 बजे जलस्तर 261.45 मीटर पर था। उधर, बरगी बांध से छोड़ा गया पानी गुरुवार दोपहर तक पहुंचने की संभावना है। स्थिति को देखकर आगे निर्णय लिया जाएगा। बांध के गेटों से गिरता पानी धुआंधार जैसा दिख रहा है।

भोपाल में इस बार ज्यादा बारिश क्यों?
जून, जुलाई में बंगाल की खाड़ी में जो भी मानसूनी सिस्टम बने उनका रास्ता विदर्भ, उत्तरी महाराष्ट्र था। इन दोनों महीनों में भोपाल में सबसे ज्यादा बारिश हुई। अगस्त में जो 4 सिस्टम बने, वे भोपाल के ऊपर से ही होकर गुजरे। तीनों महीनों में भोपाल में अच्छी बारिश हुई। इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में इन सिस्टम का असर नहीं हुआ।

टूट सकता है 2016 का रिकॉर्ड
भोपाल में इस बार 2016 में हुई 58.56 इंच बारिश का रिकॉर्ड टूट सकता है। मानसून सीजन (30 सितंबर) खत्म होने में अभी 43 दिन बाकी है। अनुमान के मुताबिक अगस्त के आखिरी सप्ताह और सितंबर में भी बारिश हो सकती है। भोपाल में अब तक 51.30 इंच बारिश हो चुकी है। जो सीजन के कोटे से 9.30 इंच ज्यादा है।

सभी नदियां उफान पर
नर्मदा के अलावा चंबल, बेतवा, ताप्ती, शिप्रा, कालीसिंध, शिवना नदी भी उफान पर हैं। भोपाल से गुजरी कलियासोत नदी के उफान पर आने के बाद दामखेड़ा और मर्दाना टोला में 70 परिवारों को शिफ्ट करने की नौबत आ गई थी। यहां के कलियासोत, केरवा और भदभदा ओवरफ्लो हो गए। सीहोर जिले के कोलार डैम के सभी 8 गेट खोले गए। कैचमेंट एरिया में बारिश होने के बाद स्थिति गंभीर हो गई थी। हालांकि, बुधवार को थोड़ी राहत मिली। बारिश नहीं होने के बाद डैमों के गेट बंद कर दिए गए तो नदियों का उफान भी कम हुआ है।

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