भोपाल- मध्यप्रदेश में फिलहाल कोई नया सिस्टम एक्टिव नहीं है, फिर भी बादल बरस रहे हैं। भोपाल में गुरुवार सुबह कुछ देर तीखी धूप के बाद गरज-चमक के साथ तेज बारिश शुरू हो गई। कई सड़कों पर नदियों की तरह पानी बह निकला। जबलपुर-ग्वालियर समेत प्रदेश के सभी शहरों में बाैछारें गिर सकती हैं। इंदौर समेत कई जिलों में बुधवार को तेज और रिमझिम बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की तरफ से थोड़ी नमी है। वहीं, धूप निकलने के साथ तापमान बढ़ा है। इससे भी लोकल में बादल छाने के बाद पानी बरस रहा है।
तेज धूप के बीच बुधवार को अचानक मौसम बदला था। भोपाल में करीब एक घंटे तक तेज बारिश हुई। हालांकि, एमपी नगर, अरेरा कॉलोनी समेत दो-तीन किलोमीटर के दायरे में ही बादल बरसे। कोलार, बैरागढ़ समेत अन्य इलाकों में रिमझिम हुई। इससे मौसम खुशनुमा हो गया। प्रदेश के अन्य शहरों में भी रुक-रुककर बौछारें गिरती रहीं। भोपाल में आज फिर बारिश हो रही है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश में अभी कोई सिस्टम एक्टिव नहीं है। पाकिस्तान के ऊपर एक पश्चिम विक्षोभ जरूर है। इस कारण अरब सागर की तरफ से थोड़ी नमी है। पूर्वी हवाओं के कारण बंगाल की खाड़ी से भी नमी है। धूप निकलने के साथ तापमान बढ़ा है। इससे लोकल में बादल छा रहे हैं। इस कारण बिना सिस्टम ही बारिश हो रही है। बुधवार को प्रदेशभर में ऐसा मौसम रहा था। गुरुवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। पूर्वी मध्यप्रदेश के जबलपुर, सागर, शहडोल, भोपाल और नर्मदापुरम में बारिश होगी।
गरज-चमक के साथ गिरेंगी बाैछारें
गुरुवार को गरज-चमक के साथ बाैछारें गिर सकती हैं। चंबल-ग्वालियर संभाग में भी कहीं-कहीं रिमझिम की संभावना है। छिंदवाड़ा, बैतूल, खरगोन, बड़वानी, धार, मंदसौर, नीमच, इंदौर, हरदा, रतलाम, उज्जैन, देवास में बिजली गिरने और चमकने के आसार हैं।
1 जून से अब तक 38 इंच बारिश हो चुकी
मध्यप्रदेश में 1 जून से 31 अगस्त तक करीब 31 इंच बारिश होना चाहिए थी, लेकिन 38 इंच पानी गिर चुका है। यह सामान्य से 23% ज्यादा यानी 7 इंच ज्यादा पानी बरस चुका है।
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