April 26, 2024

टैक्स के मुद्दे पर कांग्रेस- भाजपा पार्षद आमने-सामने, कांग्रेसी पार्षदों ने ‘शहर सरकार’ को घेरा

भोपाल- करीब सवा घंटे चली भोपाल नगर निगम परिषद की पहली मीटिंग हंगामेदार रही। टैक्स के मुद्दे पर कांग्रेसी पार्षदों ने ‘शहर सरकार’ को घेरा। वे हाथों में ‘बढ़ा हुआ टैक्स वापस लो’ जैसे स्लोगन लिखे पोस्टर लेकर वे अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के सामने खड़े हो गए। इस दौरान 3 बार अध्यक्ष को घेरा। उधर, हंगामे के बीच बहुमत के आधार पर 21 जोन समितियों का प्रस्ताव पास कर दिया गया। बैठक के दौरान बीजेपी और कांग्रेसी पार्षद कई बार आमने-सामने आए। श्रद्धांजलि और राष्ट्रगान के बीच सभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले MIC मीटिंग में लिए गए फैसलों को अमल में लाने की बात भी कही गई। प्रापर्टी टैक्स में सितंबर तक छूट समेत कई निर्णय यहां हुए थे।

दोपहर सवा 12 बजे शुरू हुई मीटिंग में टैक्स के मुद्दे पर कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया। महापौर के भाषण के पहले नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने जोन समितियों के एजेंडे का विरोध करना शुरू किया। इसके बाद पार्षद मो. सगीर, अजीजउद्दीन, योगेंद्र सिंह गुड्‌डू चौहान समेत सभी पार्षद भी मैदान में कूद गए। वे हाथों में पोस्टर लेकर अध्यक्ष की आसंदी के सामने पहुंच गए। कांग्रेसी पार्षदों का हंगामा होता देख बीजेपी पार्षद भी मैदान में कूद पड़े। उन्होंने हंगामे को गलत बताया

एमआईसी मेंबर रविंद्र यति, मनोज राठौर, राजेश हिंगोरानी ने महापौर के भाषण शुरू होने के पहले ही इस तरह से हंगामा करने की परंपरा को गलत बताया। अध्यक्ष सूर्यवंशी ने भी कांग्रेसी पार्षदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। इसके चलते अध्यक्ष सूर्यवंशी अपनी कुर्सी से उठकर चले गए और सदन की कार्रवाई स्थगित हो गई।

माइक बंद, कांग्रेस ने जताई आपत्ति
करीब 20 मिनट के बाद शुरू हुई सदन की कार्रवाई की शुरुआत में कांग्रेस ने माइक बंद होने पर आपत्ति जताई। इसके बाद वे फिर से अध्यक्ष की आसंदी के सामने पहुंच गए। वे जोन समितियों के एजेंडे पर अड़े थे। इसी बीच MIC मेंबर यति ने नियम बताना शुरू किया तो दूसरी ओर कांग्रेसी पार्षद अध्यक्ष सूर्यवंशी को टैक्स, लाइसेंस फीस आदि को लेकर अपनी बात कह रहे थे। अध्यक्ष सूर्यवंशी ने पार्षदों को समझाइश दी, लेकिन पार्षदों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ ही देर बाद वे अध्यक्ष की कुर्सी के सामने धरने पर बैठ गए।

महापौर को आना पड़ा मैदान में

हंगामे के बीच महापौर मालती राय को मैदान में आना पड़ा। उन्होंने जोन समितियों के चुनाव को लेकर चर्चा शुरू की। उन्होंने अध्यक्ष से मांग की कि जोन समितियों के चुनाव की तारीख जल्द घोषित करें। उन्होंने MIC मीटिंग में लिए गए निर्णय को अमल में लाने की बात भी कही। महापौर का भाषण खत्म होने के बाद फिर से हंगामा शुरू हो गया। नेता प्रतिपक्ष जकी ने प्रापर्टी और जल कर बढ़ाने का विरोध जताया। टैक्स बढ़ाने को लेकर MIC मेंबर यति ने पक्ष रखा। इसी मुद्दे पर दोनों पक्ष फिर से आमने-सामने हो गए। कांग्रेसी पार्षदों ने तीसरी बार अध्यक्ष की कुर्सी घेर ली। कांग्रेसी पार्षद टैक्स वृद्धि वापस लेने पर अड़े थे। ‘तानाशाही नहीं चलेगी’… जैसे नारे भी लगाए।

3 साल बाद हुई मीटिंग

महापौर और पार्षदों की शपथ के ठीक एक महीने बाद 6 सितंबर को भोपाल नगर निगम परिषद की पहली मीटिंग हुई। वहीं, 3 साल बाद सभी पार्षद एक साथ बैठे। महापौर मालती राय, निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी बैठक में मौजूद हैं। पूर्व अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान भी बैठक में शामिल हुए।

दर्शक दीर्घा में प्रतिनिधियों का जमावड़ा
मीटिंग के दौरान दर्शक दीर्घा में पार्षद प्रतिनिधियों का जमावड़ा लगा रहा। इनमें अधिकांश महिला पार्षदों के पति थे। पूर्व पार्षद संतोष कंसाना भी आईं। वे वार्ड-29 से पार्षद देवांशु कंसाना की मां है।

एजेंडे में जोन समितियों के गठन का मुद्दा

नगर निगम परिषद की मीटिंग के एजेंडे में जोन समितियों के गठन का मुद्दा ही शामिल किया गया। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष जकी 3 बिंदुओं पर चर्चा के लिए प्रश्न पहले ही दे चुकी थीं।

इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस चाहती थी चर्चा

निगम ने वर्ष 2019 से 2022 तक सभी उपभोक्ता करों में बढ़ोतरी किस आधार पर की है, यह निगम बताएं।
27 अगस्त को वार्ड-25 में कनीजा बी के मकान को तोड़ा गया था। मकान तोड़ने के आदेश की प्रति और विभागीय आदेशों की प्रतियां भी पटल पर बुलाई जाए।
अतिक्रमण प्रभारी कमर साकिब के विरुद्ध पारित महापौर परिषद संकल्प दिनांक 28 जुलाई 2008 के संबंध में साकिब से की गई वसूली राशि का ब्योरा और संबंधित फाइल भी बैठक में रखी जाए।
पहली बार हुई सर्वदलीय बैठक

विधानसभा बैठक की तर्ज पर पहली बार भोपाल निगम परिषद की बैठक से पहले सर्वदलीय बैठक सोमवार को हुई। इसमें महापौर, नेता प्रतिपक्ष समेत दोनों ही पार्टियों के सीनियर पार्षद मौजूद रहे थे। प्रमुख रूप से जोन समिति के संबंध में चर्चा की गई।

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