March 29, 2024

4.9 लाख छात्रों को नहीं मिलेगी साइकिल, इस साल करीब 5 लाख 30 हजार छात्र-छात्राओं को मिलनी थी साइकिल

भोपाल। मध्य प्रदेश के लाखों छात्रों की साइकिल पर ब्रेक लग गया है। बजट नहीं होने के कारण राज्य सरकार ने “साइकिल वितरण योजना” के तहत साइकिल बांटने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इस साल करीब 5 लाख 30 हजार छात्र-छात्राओं को साइकिल मिलना था। लेकिन अब सरकार सिर्फ ट्राइबल इलाकों के 40 हजार छात्रों को ही साइकिल देगी।

दरअसल, राज्य सरकार सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छठी और 9वीं क्लास के बच्चों को मुफ्त साइकिल देती है। सरकार ने दो साल कोरोना काल में साइकिल नहीं दी थी। चुनाव नजदीक होने से वर्ष 2022-2023 के लिए साइकिल देने का निर्णय लिया गया। 5.30 लाख साइकिल खरीदी के लिए जुलाई में टेंडर जारी हुई। तीन कंपनियों को 5.30 लाख बच्चों के लिए साइकिल सप्लाई का ऑर्डर जारी किया गया। लेकिन जब ऑर्डर लेने की बारी आई तो सरकार के पास पैसे ही नहीं हैं।

साइकिल वितरण योजना के लिए 180 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग के पास 20 करोड़ रुपए पहले से थे। विभाग ने साइकिल वितरण के लिए 160 करोड़ रुपए अनुपूरक बजट में मांगे थे। विभाग को बजट पास होने की पूरी उम्मीद थी इसीलिए 5.30 लाख साइकिल खरीदने की प्रक्रिया पूरी कर ली। लेकिन, अब अनुपूरक बजट में वित्त विभाग ने इस मद में राशि नहीं दी।

ऐसे में शिक्षा विभाग ने अब बचे 20 करोड़ रुपए से ही खरीदी तय की है। करीब 15 करोड़ में 40 हजार साइकिल आएंगी। इन्हें आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक में बांटा जाएगा। चुनाव को देखते हुए आदिवासी इलाकों में साइकिल बांटना राज्य ने ज्यादा जरूरी समझा। बताया जा रहा है कि बालाघाट, बैतूल, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, सिवनी, मंडला, श्योपुर, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, झाबुआ, खंडवा, खरगाेन, अनूपपुर, डिंडोरी, शहडोल, सीधी और उमरिया के आदिवासी ब्लॉक में साइकिल वितरण किया जाएगा।

बजट नहीं होने के कारण 92 फीसदी से ज्यादा छात्र छात्राएं जिन्हें योजना का लाभ मिलना था वह इससे वंचित रह जाएंगे। हालांकि स्कूली शिक्षा मंत्री ने छात्रों को अब भी दिलासा दिया है। उन्होंने कहा कि, ‘अभी ट्राइबल ब्लॉक के बच्चों को साइकिल मिलेगी। बाकी बच्चों को बाद में दे देंगे।’ छात्र भी इस बात को बखूबी जानते हैं कि बाद में उन्हें साइकिल नहीं मिलेगा।

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