April 25, 2024

पहले सोयाबीन की कम पैदावार ने किसानों को किया दुखी, अब नए एक्ट ने रुलाया

भोपाल- मालवा का पीला सोना कहीं जाने वाली सोयाबीन इस बार किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. किसानों को दीपावली के पहले सोयाबीन के भाव ने निराश कर दिया है. किसान सोयाबीन की पैदावार कम होने के कारण पहले से ही परेशान थे. सोयाबीन के भाव पर नए अधिनियम का भी व्यापक असर देखने को मिल रहा है. किसानों को सोयाबीन की फसल से काफी उम्मीद रहती है. हर साल दीपावली का पर्व किसान परिवारों में सोयाबीन की फसल बेचकर ही मनाया जाता है. इस बार दीपावली के पहले सोयाबीन के भाव किसानों को निराश कर रहे हैं. इस बार किसानों की फसल पर प्रकृति की भी मार पड़ी है.

किसान ने क्या कहा
ढाबला हरदू के रहने वाले किसान मांगीलाल ने बताया कि, इस बार सोयाबीन की फसल घाटे का सौदा साबित हो रही है. मालवा अंचल में सोयाबीन को पीला सोना कहा जाता है. इस बार सोयाबीन पर प्रकृति की गहरी मार पड़ी है. सबसे पहले तो पानी के कारण सोयाबीन की पैदावार कम हुई है. इसके बाद वायरस ने भी पैदावार पर असर डाला है. जब फसल पककर मंडी में पहुंच रही है तो यहां पर किसानों को उचित दाम भी नहीं मिल पा रहा है. वर्तमान में सोयाबीन 3500 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है.

लेना पड़ रहा कर्ज-किसान
पान बिहार के किसान जगदीश के मुताबिक, किसानों को उचित दाम नहीं मिलने की वजह से अगली फसल बोने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है. चना और गेहूं की फसल की बुआई करना अब आसान नहीं रहा है. खाद बीज से लेकर सभी प्रकार की जुताई और दवा के छिड़काव के लिए रुपयों की जरूरत है जबकि सोयाबीन की फसल में लागत अधिक होने की वजह से मुनाफा काफी कम हो गया है.

इस कानून का पड़ा असर
जिला नियंत्रण अधिकारी एम एल मारु के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से तिलहन स्टॉक की सीमा लागू करते हुए इसी साल नया अधिनियम बनाया गया है. यह नियम सोयाबीन के तेल के दाम पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था लेकिन यह किसानों पर भारी पड़ रहा है. मध्य प्रदेश स्टाक नियंत्रण व्यापारी अधिनियम के तहत खेरची व्यापारी 500 क्विंटल से ज्यादा सोयाबीन संग्रहित नहीं कर सकता है. नियम का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है.

अधिकारी ने आगे कहा कि, इसके अलावा सोयाबीन प्लांट को लेकर भी शर्तें लागू कर दी गईं हैं, जिसके तहत व्यापारी कुछ समय के कार्य के लिए ही सोयाबीन का भंडारण कर सकता है. तय सीमा से अधिक भंडारण करने पर कार्रवाई हो सकती है. इस नए कानून का असर सोयाबीन के भाव पर भी पड़ा है. व्यापारी किसी परेशानी में उलझना नहीं चाहते हैं इसलिए वे नियम अनुसार ही सोयाबीन की खरीदी कर रहे हैं.

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