April 20, 2024

भ्रष्टाचार का ओलंपिक जीत रहे हैं शिवराज, ब्लैक लिस्टेड कंपनी ही करेगी फिर से कारम डैम का निर्माण

धार- कारम डैम लीक कांड के बाद अब एक बार फिर से बांध बनाने की कवायद शुरू हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कारम नदी पर मिट्टी का बांध बनाने की बुनियादी तैयारियां शुरू हो चुकी है। हैरानी की बात ये है कि कारम डैम लीक कांड में राज्य सरकार ने जिस कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया था, वही कंपनी को फिर से डैम निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

जल संसाधन विभाग ने रेत और मिट्टी से लेकर गिट्टी आदि के सैंपल जांच के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद डैम के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। हालांकि, ब्लैकलिस्टेड ठेकेदार द्वारा ही बांध निर्माण करवाए जाने के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि वर्तमान में बांध को फिर से बनाने के मामले में आखिर में क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

दरअसल, बांध फूटने के बाद राज्य सरकार ने दबाव में आकर निर्माण का ठेका लेने वाली दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और पेटी कॉन्ट्रेक्ट पर 50 प्रतिशत काम करने वाली ग्वालियर की फर्म सारथी कंस्ट्रक्शन के सिविल ठेका पंजीयन निरस्त करते हुए दोनों ही कंपनियों को काली सूची में डाल दिया था। इसके बावजूद इस क्षतिग्रस्त और निर्माणाधीन बांध के अधूरे काम को आगे भी यह इन्हीं कंपनियां ही पूरा करेंगी।

कांग्रेस ने इस मामले पर शिवराज सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस ने इससे संबंधित एक रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा कि, ‘शिवराज के जंगलराज की अनोखी खेप, — कारम डैम की ब्लैक लिस्टेड कंपनी ही करेगी फिर से डैम का निर्माण; शिवराज जी, भ्रष्टाचार का ओलंपिक जीत रहे हो।’

जल संसाधन विभाग का तर्क है कि कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक बांध निर्माण के 5 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी मूल ठेकेदार की ही है। ऐसे में पुनर्निर्माण कार्य एएनस कंस्ट्रक्शन को दिया गया है। उधर विभाग ने डैम निर्माण कार्य के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किए गए 8 इंजीनियर्स के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर लिया है। इस चार्जशीट को मंजूरी के लिए विभागीय मंत्री तुलसी सिलावट को भेजा गया है।

बता दें कि बीते 14 अगस्त को डैम में दरार आने के बाद हाहाकार मच गया था। इसके बाद डैम का सारा पानी बाहर निकाला गया। जिससे 21 गांवों पूरी तरह डूब गए थे। हालांकि, ग्रामीणों को पहले ही निकाल लिया गया था। डूब प्रभावित लोगों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। डैम लीकेज कांड में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की बात भी सामने आई। लेकिन कार्रवाई के नाम पर 8 इंजीनियर्स को सस्पेंड कर दिया गया।

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