April 23, 2024

इंदौर में बढ़ते पब कल्चर के खिलाफ सुमित्रा महाजन ने खोला मोर्चा, कांग्रेस नेत्रियों का भी मिला समर्थन

भोपाल- मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बढ़ते पब कल्चर के खिलाफ अब पूर्व लोकसभा स्पीकर पद्मभूषण सुमित्रा महाजन ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इंदौर पुलिस कमिश्रर हरिनारायणचारी मिश्र से मुलाकात कर पब कल्चर को लेकर नाराजगी जताई। खास बात ये है कि सुमित्रा महाजन को कांग्रेस नेत्रियों का भी समर्थन मिला। पुलिस कमिश्नर से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में उनके साथ कांग्रेस की अर्चना जायसवाल और शोभा ओझा भी मौजूद थीं।

सुमित्रा महाजन ने इस दौरान कहा कि, ‘हम लोग पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर एक विशेष समस्या को लेकर मिलने पुलिस कमिश्नर से मिलने आए हैं। हम लोगों की चिंता युवा पीढ़ी को लेकर है। इंदौर एजुकेशन हब बन गया है। यहां बड़ी संख्या में युवा पढ़ने के लिए आते हैं, लेकिन शहर में जगह जगह पब बनते जा रहे हैं। इसमें युवा बेरोकटोक जा रहे हैं. इससे कई समस्याएं हो रही हैं। शहर में ड्रग्स का प्रभाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है। युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं।’

पूर्व लोकसभा स्पीकर ने आगे कहा कि, ‘शहर के प्राइवेट हॉस्टल्स पर किसी का कंट्रोल नहीं है। माता पिता बच्चों को पढ़ने के लिए भेज रहे हैं। लेकिन वो यहां आकर क्या कर रहे है, इसकी मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। हॉस्टल के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है। अभी आईटी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नाइट कल्चर की भी शुरूआत हो चुकी है। शहर को रातभर खोलने की अनुमति दी गई है। सिर्फ खाने के लिए रातभर होटल रेस्टोरेंट खोलने की इजाजत है, शराब पीने के लिए नहीं। बावजूद इसके पीना भी चल रहा है। इस पर कंट्रोल किसका है। इन सब पर पुलिस को कंट्रोल करना चाहिेए, नहीं तो हमारा इंदौर बिगडे़गा और आने वाली पीढ़ी बरबाद हो जाएगी।’

महिला प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने कहा कि, ‘पब और ड्रग्स की वजह से शहर का माहौल खराब हो रहा है. युवा शराब पीकर गाड़ियां दौड़ा रहे हैं। लड़कियां तक गुंडागर्दी करती नजर आ रही हैं। शहर में संगीन अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। ऐसे में ड्रग माफिया पर लगाम लगाने की जरूरत है। पब और शराब परोसने वाले होटल्स को नीयत समय पर बंद किया जाए। इसके लिए एक एक्शन प्लान बनना चाहिए। हम लोग स्वच्छता में तो नंबर वन आ गए हैं लेकिन हमें सामाजिक स्वच्छता की जरूरत है।’

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