April 20, 2024

MP में तालिबान जैसी सरकार, अन्याय है बुलडोजर कार्रवाई, जिनके घर उजाड़े गए उन्हें मदद करूंगा- गोविंद सिंह

भोपाल- मध्य प्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के बयान पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने राज्य सरकार को तालिबानी करार दे दिया। उन्होंने कहा कि उषा ठाकुर तालिबानियों से ट्रेनिंग लेकर आई हैं। मुझे उनकी सोच पर तरस आती है।

दरअसल, महू में एक कार्यक्रम के दौरान उषा ठाकुर ने कहा था कि, ‘दुष्कर्म तो आरोपी समाज में करता है, लेकिन उसको सजा जेल की चहारदीवारी के बीच दी जाती है। ऐसा करने से दूसरे अपराधियों में डर नहीं रहता है। अपराधियों को बीच चौराहे पर फांसी देकर लटका दिया जाना चाहिए। दुष्कर्मियों का अंतिम संस्कार भी नहीं करना चाहिए। उनका शव चील-कौवे नोचकर खाएं। इससे अन्य अपराधी ऐसा अपराध करने से डरेंगे।’

मंत्री ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि, ‘मुझे मंत्री उषा ठाकुर की सोच पर दया आती है। भारत प्रजातांत्रिक देश है। इस देश में ऐसा नहीं हो सकता कि सरेआम फांसी पर लटका दिया जाए। चील-कौवे मानव शरीर को खाएं। इस तरीके की संस्कृति हमारे हिन्दुस्तान में संभव नहीं हैं। वे सत्ता के मद में मदांध होकर ऐसे बयान देती हैं। संविधान के अनुरूप एमपी में एक्ट है, लेकिन सरकार की ये अक्षमता है कि किसी भी बलात्कारी के खिलाफ ऐसे सबूत नहीं दे पाई, जिससे उनको फांसी हो। सजा देने का अधिकार न्यायपालिका को है, न कि कार्यपालिका को।’

राजधानी भोपाल में पत्रकारों से चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, ‘सरकार को गैरकानूनी तरीके से सजा देने का अधिकार नहीं है। सजा देने के अधिकार न्यायालय को है। न्यायालय सजा दे सकता है, मकान तुड़वा सकता है। मुख्यमंत्री ने इतना भय का वातावरण बना दिया है कि जिस प्रकार अफगानिस्तान में तालिबानियों ने अपना आतंक मचा रखा है, इसी प्रकार की सरकार मप्र में चलाई जा रही है। तमाम मकान तोड़ दिए। संयुक्त परिवार में एक आदमी अपराध करे, तो अपराधी के खिलाफ सबूत पेश करके सजा दिलवाओ। ये काम क्यों नहीं किया जा रहा। इसका मतलब है सरकार अक्षम है।’

प्रदेशभर चल रहे बुलडोजर कार्रवाई को लेकर डॉ सिंह ने कहा कि, ‘मैं इस बात का घोर विरोधी हूं कि सरकार मनमाने तरीके से लोगों की प्रॉपर्टी उजाड़ रही है। गरीब लोगों के मकान तोड़ रही है। एक भाई अपराध करे, दूसरे भाई की प्रॉपर्टी उजाड़ देते हैं। इस तरह के लोगों को न्यायलय में जाना चाहिए, मैं उनकी मदद करुंगा।’

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