March 28, 2024

राहुल गांधी ने जब अपनी माँ से पूछा- क्या मैं सुंदर हूं…सोनिया गांधी ने दिया था चौंकाने वाला जवाब

नई दिल्ली- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक यू-ट्यूबर समदीश भाटिया को दिए इंटरव्यू में कई मजेदार बातें बताईं. जिसमें से राहुल गांधी ने अपने बचपन की बातें याद करते हुए बताया कि, जब मैं बच्चा था, तो अपनी मां सोनिया गांधी से पूछा करता था कि, ‘क्या मैं सुंदर हूं. मेरी मेरी मां ने मुझे देखा और कहा कि नहीं, आप पूरी तरह से औसत तरह के बच्चे हैं. इसीलिए मेरे दिमाग में यही विचार बैठ गया है कि मैं औसत दिखता हूं.’

जब इंटरव्यूअर ने पूछा कि क्या यह एक ऐसी कहानी है जिसे आप अच्छा लगने के लिए बनाते हैं? राहुल गांधी ने कहा “नहीं नहीं, मेरी मां ऐसी ही हैं. मेरी मां आपको हमेशा सच बताएंगी, वे वहीं कहेंगी जो सच है. इसके साथ ही मेरे पिता भी और मेरा पूरा परिवार ऐसा ही है. किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कहते. यदि आप कुछ कहते हैं, तो वे आपको वही बताएंगे जो आपके बारे में सच है. इसलिए मेरी मां ने कहा कि, आप औसत हैं, उन्होंने ये नहीं कहा कि हां, आप बहुत सुंदर हैं, क्योंकि आप हमारे बेटे हैं. ये बात मेरे दिमाग में बचपन से है.

धार्मिक विचारों को लेकर राहुल गांधी ने कही ये बात

राहुल गांधी ने बताया कि “बेशक, मैं भगवान में विश्वास करता हूं. मैं उस भगवान में विश्वास करता हूं जिसमें मेरी आस्था है. मैं उस भगवान में विश्वास नहीं करता जो किसी और का डिजाइन है. यह एक बहुत ही व्यक्तिगत विचार है, मेरा आंतरिक विचार है यदि आप दार्शनिक पक्ष पर जाना चाहते हैं, तो मैं कहना चाहता हूं कि शिव एक अच्छे विचार हैं. हमारी प्रणाली में शिव की अवधारणा को समझना बहुत कठिन है और मैं उस दिशा में आगे बढ़ूंगा, शिव आत्म, अहंकार से परे एक विचार हैं.

मेरे दोस्त मुझे जूते भेजते हैं, बीजेपी वाले मुझ पर जूते फेंकते हैं

राहुल गांधी ने कहा कि वह आमतौर पर अपने जूतों की खरीदारी खुद करते हैं लेकिन अब उनकी मां और बहन भी उन्हें जूते भेजती हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरे कुछ राजनेता दोस्तों ने भी मुझे जूते गिफ्ट किए हैं.’ ये पूछे जाने कि जूते भेजने वालों में कोई बीजेपी से भी है क्या. राहुल गांधी ने कहा, “नहीं नहीं, वे केवल मुझ पर जूते फेंकते हैं.”

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को टहलते देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ती है. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से नेताओं को भगवान के रूप में मानने की प्रवृत्ति को पसंद नहीं करते हैं.

“क्या आप रात को अच्छी तरह से सोते हैं यह जानकर कि इतने सारे लोग आप से आशा रखते हैं?” इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, “मैं इसे आशा के रूप में नहीं देखता, आप इसे आशा के रूप में देखते हैं. मैं इसे एक रिश्ते के रूप में देखता हूं. मेरे मन में उनके लिए प्यार और स्नेह है और मेरे लिए उनके मन में भी ऐसा ही है.”

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