April 24, 2024

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने किया पलटवार, विश्वास सारंग इस स्तर के नेता नहीं हैं जो राहुल गांधी से चर्चा करेंगे

भोपाल- कमलनाथ की राहुल गांधी से हिंदू धर्म पर बहस की चुनौती मंत्री विश्वास सारंग ने स्वीकार की है। सारंग ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी को चुनौती देता कि वे आकर हिंदू धर्म को लेकर मुझसे बहस करें।’ इसपर कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि विश्वास सारंग इस स्तर के नेता नहीं हैं जो राहुल गांधी से चर्चा करेंगे। उसके लिए बीजेपी नरेंद्र मोदी अथवा मोहन भागवत को सार्वजनिक मंच पर भेजे।

सारंग के बयान पर पलटवार करते हुए युवा विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि, ‘विश्वास सारंग पहले राम को तो समझ लें। राम की भाव को समझने की कोशिश तो करें। जिसमें इतना अहंकार, घृणा और नफरत है वह क्या चर्चा करेगा? राम और रावण में अंतर क्या था। दोनों ही शिव के भक्त थे। लेकिन राम को अहंकार का ज्ञान था और रावण को ज्ञान का अहंकार था। मेरा विश्वास सारंग से आग्रह है कि आकर मेरे से ही पहले चर्चा कर लें रामायण मैं समझा दूंगा।’

कुणाल चौधरी ने आगे कहा कि, ‘ राहुल गांधी के सारंग राहुल गांधी के सामने कहीं टिक नहीं पाएंगे।
मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी यदि खुले मंच पर चर्चा करना चाहते हैं तो राहुल जी चर्चा कर लें। वे जिस विषय के ऊपर चर्चा करने चाहते हैं कर लें। चाहे धार्मिक विषयों पर हो या देश की विविधताओं पर चर्चा करना चाहते हों। लेकिन विश्वास सारंग राहुल गांधी से चर्चा करने के लायक व्यक्तियों में से नही हैं।’

कुणाल चौधरी ने चुनौती देते हुए कहा कि, ‘सारंग पहले मुझसे आकर चर्चा करें। देख लेता हूं की धर्म के विषय पर उन्हें कितना ज्ञान है। वे क्या धर्म की चर्चा करेंगे। बीजेपी के लिए धर्म राजनीति का विषय है कांग्रेस के लिए धर्म आस्था का विषय है। सारंग अहंकार की बातें छोड़कर मूल मुद्दों पर काम करें। पहले मंत्री बनाया है तो बताएं की जो रेमडेसिवीर चोरी हुई थी उसका क्या हुआ। उन्हें जो काम दिया है वो करें।’

इससे पहले विश्वास सारंग ने कहा कि, ‘राहुल गांधी से हिंदू धर्म पर बहस कि चुनौती को मैं उसे स्वीकार करता हूं। जिस यात्रा में क्रूर हिंदू की बात की जाती है, वे हिंदू धर्म पर बहस की चुनौती देते हैं। हिंदू धर्म को बदनाम करना कांग्रेस की आदत है। मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि वे आकर हिंदू धर्म को लेकर मुझसे बहस करें। मैं धर्म का बहुत बड़ा ज्ञानी नहीं हूं, लेकिन कमलनाथ की इस चुनौती को स्वीकार करता हूं।’

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