April 20, 2024

विधानसभा में महू में आदिवासी युवती की मौत का मामला जमकर गूंजा, कांग्रेस ने किया वॉकआउट

भोपाल- गुरुवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में महू में आदिवासी युवती की मौत का मामला जमकर गूंजा। इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने आ गई। कांग्रेस पार्टी ने शिवराज सरकार के रवैए का विरोध करते हुए सदन का वॉकआउट कर दिया।

प्रश्न काल के तुरंत बाद दोनों पार्टियों में बहस छिड़ गई। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में कहा कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि युवती की मौत करंट लगने से हुई है। गृह मंत्री ने कहा कि इस मामले में दो बातें सामने आ रही हैं। पहली यह कि युवती यदुनंदन पाटीदार नामक युवक के साथ रहती थी। पानी के रोड से करेंट लगने के कारण उसकी मौत हुई है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दे दिए हैं। इसके साथ ही थाने में हुए संघर्ष के समय एक आदिवासी युवक की हुई मौत को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी।

गृह मंत्री के इस जवाब पर कांग्रेस नेता बिफर गए। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि पुलिस ने युवक को सीने पर गोली मारी थी। पुलिस को कमर के नीचे गोली चलाने के निर्देश होते हैं, सीने पर नहीं।

वहीं कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधो ने गृह मंत्री पर मृतक युवती का चरित्र हनन करने का आरोप लगा दिया। कांग्रेस विधायक ने कहा कि युवती की मां साफ तौर पर कह रही है कि उसकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। जबकि गृह मंत्री ने युवती का चरित्र हनन करते हुए कह दिया कि उसकी मौत करेंट लगने से हुई है और वह लिव इन में रहती थी।

इंदौर से सटे महू के बडगोंदा थाना क्षेत्र में धामनोद क्षेत्र की रहने वाली एक आदिवासी युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जिसके बाद युवती के परिजनों और ग्रामीणों ने बुधवार शाम को डोंगरगांव चौकी के सामने युवती का शव रखकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस ने जब बलप्रयोग किया तब ग्रामीण और पुलिस आमने सामने आ गए। ग्रामीणों ने पुलिस थाने पर कथित तौर पर पथराव शुरू कर दिया। जिसके जवाब में फायरिंग कर दी। पुलिस की इस फायरिंग में एक आदिवासी युवक की जान चली गई।

इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी शिवराज सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस पार्टी ने अपनी एक टीम महू भेजी है, जो अपने स्तर पर इस मामले की जांच करेगी। पीसीसी चीफ कमल नाथ ने इस मामले पर शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना ने मध्य प्रदेश में व्याप्त जंगलराज को साबित किया है।

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