सीबीआई जांच की मांग को जैन आयोग का हवाला देकर करवाया खारिज और आयोग की रिपोर्ट ठंडे बस्ते में डाली

मंदसौर – मंदसौर गोलीकांड पर कमलनाथ जी की यात्रा पर शिवराज जी का ऐतराज उनकी संकीर्ण मानसिकता, अपराध बोध और किसान विरोधी सोच का प्रतीक है । यह गोलीकांड नहीं हत्याकांड है, जो शिवराज सरकार के इशारे पर किसान आंदोलन को दबाने के लिए किया गया है । यह आरोप कांग्रेस महासचिव तथा आरोप पत्र समिति के उपाध्यक्ष पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने लगाया ।
सकलेचा ने शिवराज को चुनौती देते हुए कहा कि आपकी राय में मंदसौर गोलीकांड उचित है , जैसा आपने विधानसभा मे 5/3/2021 को हर्षविजय गेहलोत के प्रश्न के उत्तर में बताया तो जैन आयोग की रिपोर्ट जारी करने से क्यों डर रहे हैं । आप रिपोर्ट जारी करें, जिम्मेदारों को क्लीन चिट दें, जनता को अपना असली चेहरा बताएं । हम न्याय के लिए लड़ेंगे और जिम्मेदारों को हर हाल में सजा दिलवायेंगे ।
सकलेचा ने कहा कि जैन आयोग का गठन करते वक्त शिवराज ने दावा किया था कि एक एक जिम्मेदार को चुन-चुन कर सजा देंगे। माननीय इंदौर उच्च न्यायालय में सीबीआई जांच की मांग इसलिये खारिज हो गई कि सरकार जैन आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई कर रही है। इसके विपरीत 5 साल से जैन आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया , न्यायालय में रिपोर्ट पेश करने की बाध्यता से इनकार किया और गोलीकांड पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस एल थाउसेन की जांच रिपोर्ट पर 21/6/2017 को सस्पेंड किए गए कलेक्टर , एसपी , सीएसपी को प्रशासनिक आधार का बहाना कर 1 साल बाद 29/6/2018 को बहाल कर मलाईदार पदों पर बिठा दिया।
सकलेचा ने पुछा कि 10 जून को भोपाल में अनिश्चितकालीन उपवास तथा 14 जून 2017 को मंदसौर में शहीदों के घर सांत्वना देना मात्र क्या ड्रामा था ? सकलेचा ने सरकार की नीयत पर प्रश्न लगाते हुए कहा कि 6 साल में अपराधी को सजा दिलाना तो दूर उन्है आईडेंटिफाई भी नहीं होने दिया। सकलेचा ने कहा कि जैन आयोग की रिपोर्ट से न्याय नहीं मिला तो जांच आयोग अधिनियम 1952 के अनुसार हम उसे हाईकोर्ट में चैलेंज करेंगे और सीबीआई जांच की पुन: मांग करें करेंगे ।
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