आज भी सदमे में हरदा ब्लास्ट के पीड़ित
घायल बोले- सपने में खून से सनी लाशें दिख रहीं; नहीं भूल पा रहे दहशत भरा मंजर
हरदा – हरदा पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट को नौ दिन बीत चुके हैं। आसपास का पूरा इलाका वीरान है। जिला अस्पताल में भर्ती घायलों में से ज्यादातर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं। पांच लोग ऐसे हैं, जिन्हें हादसे के बाद गहरा सदमा लगा है। हालत ऐसी है कि सोते-सोते डरकर उठ जाते हैं। उनका कहना है कि खाना-पीना तो भूल ही गए हैं, अब तो सोने से भी डर लगता है। मानसिक रोग विशेषज्ञ उनका इलाज कर रहे हैं।
बता दें कि बीती 6 फरवरी को हरदा के बैरागढ़ में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ था। बारूद के ढेर में लगी आग से पूरा हरदा शहर दहल उठा था। 13 लोगों की जान चली गई तो 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। तीन घायलों का इलाज चल रहा है। इस हादसे ने किसी का हाथ तो किसी का पैर छीनकर जिंदगी भर के लिए अपाहिज बना दिया।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि 5 मरीज हादसे के बाद लगे सदमे से बाहर नहीं निकल पाए हैं। हादसे काे नौ दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनके दिमाग में वही सब चल रहा है। इनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक इनकी काउंसिलिंग कर रहे हैं।
हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में मरीजों से मिलने के दौरान यह बात सामने आई थी कि कुछ लोगों को सदमा लगा है। उनकी काउंसिलिंग कराई जा रही है। वहीं, दो लोग ऐसे मिले थे, जिन्हें चोटें नहीं आई थीं, लेकिन काफी डरे हुए थे। उनकी तत्काल काउंसिलिंग कराई गई है। यदि और भी ऐसे लोग सामने आते हैं, तो मनोचिकित्सकों से उनका इलाज कराया जाएगा।
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