April 27, 2024

धार डैम लीकेज के बाद अनियमितताओं की जांच के लिए कांग्रेस ने बनाई 8 सदस्यीय कमेटी

भोपाल। धार जिले में 304 करोड़ रूपयों की लागत से निर्माणाधीन कारम बांध में आये लीकेज की घटना से मंडरा रहे संकट को देखते हुए धार और खरगोन के लगभग 18 गांव खाली कराये गये हैं। मौके पर सेना और एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है। इसी बीच अब डैम निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर ई टेंडरिंग घोटाला सुर्खियों में आ गया है। कांग्रेस ने कहा है कि डैम के निर्माण में हुए भारी भ्रष्टाचार, गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य एवं अन्य अनियमितताओं के चलते लीकेज की स्थिति उत्पन्न हुई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने धार जिले के कारम बांध की घटना की जांच हेतु 8 सदस्यीय समिति भी गठित कर दी है। यह कमेटी शीघ्र ही संयुक्त रूप से घटना स्थल पर पहुंचकर स्थानीय लोगों एवं प्रभावित परिवारों से मुलाकात करेंगी, साथ ही निर्माणाधीन डैम में हुए भ्रष्टाचार, गुणवत्ताविहीन निर्माण एवं अनियमितताओं की जानकारी एकत्र कर विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री प्रशासन प्रभारी राजीव सिंह ने बताया है कि कांग्रेस द्वारा जो जांच समिति गठित की गई हैं, उसमें जिला कांग्रेस कमेटी धार के अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम, पूर्व मंत्री एवं गंधवानी विधायक उमंग सिंघार, सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल, विधायक इंदौर संजय शुक्ला, विधायक देपालपुर विशाल पटेल, विधायक सरदारपुर प्रताप ग्रेवाल, विधायक धरमपुरी प्राचीलाल मेडा और विधायक मनावर डॉ. हीरालाल अलावा को शामिल किया गया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने लीकेज के लिए ई टेंडरिंग घोटाले को जिम्मेदार ठहराया है। अरुण यादव ने ट्वीट किया, ‘ई टेंडर ने कर दिया कमाल, भ्रष्ट नेता-अधिकारी हो गए मालामाल। धार के कारम नदी पर बने 300 करोड़ से नवनिर्मित बांध भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है, क्योंकि ई टेंडर घोटाले में ED अनुसार करोड़ों रुपए की घूस अधिकारियों ने ली थी।’

दरअसल, मध्य प्रदेश में जो तीन हजार करोड़ का ई-टेंडर घोटाला उजागर हुआ था उसमें अन्य प्रोजेक्टों के साथ-साथ कारम डैम प्रोजेक्ट भी शामिल है। विभागीय मंत्री तुलसी सिलावट ने विधानसभा में यह भी स्वीकारा कि कारम प्रोजेक्ट का प्रकरण भी राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में पंजीबद्ध है। कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष केके मिश्रा ने 304 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि शिवराज मंत्रिमंडल के एक ताकतवर मंत्री का वरदहस्त घटिया निर्माण करने वाली ब्लैकलिस्टेड कम्पनी को प्राप्त है।

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