May 11, 2024

मध्यप्रदेश में बारिश से 10 दिन बाद मिली राहत, इस साल जमकर बरसे बादल

भोपाल- बारिश से तरबतर मध्यप्रदेश में जल्द ही अब सूखी विदाई होने वाली है। प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने के साथ ही बारिश ने नए-नए रिकार्ड बनाते हुए अधिकांश जिलों में दोगुनी तक बारिश हुई मौसम विभाग के अनुसार तीन साल के अंदर की यह सबसे जल्दी विदाई होगी। इसके पहले मानसून की साल 2020 में 9 अक्टूबर, 2021 में 6 अक्टूबर को विदाई हुई थी, लेकिन इस साल 2022 में 5 अक्टूबर को ही विदाई ले लेगा।

मध्यप्रदेश में बीते 48 घंटों से ज्यादा बारिश नहीं हुई है। बीते चौबीस घंटों के दौरान सीधी और खजुराहो में हल्की बारिश हुई। इसके अलावा प्रदेश भर में धूप-छांव की लुकाछिपी चलती रही। अगले 24 घंटों के दौरान महाकौशल, बुंदेलखंड और बघेलखंड में कहीं-कहीं दोपहर के बाद हल्की बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल में भी बारिश होने की संभावना नहीं है। 29 सितंबर तक प्रदेश में बूंदाबांदी की संभावना कुछ इलाकाें में हो सकती है। इसके बाद प्रदेश भर में ज्यादा बारिश का दौर लगभग खत्म हो जाएगा। मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश से मानसून की विदाई होने की संभावना 5 अक्टूबर के बाद जताई है। पिछले साल 6 अक्टूबर से प्रदेश में मानसून की विदाई शुरू हुई थी। वर्ष 2020 में ग्वालियर-चंबल से 8 अक्टूबर को मानसून की रवानी की शुरुआत हुई थी, अगले दिन यानी 9 अक्टूबर को भोपाल-इंदौर समेत 37 जिलों से मानसून की विदाई हो गई थी।

आज यहां हल्की बारिश की संभावना

मध्यप्रदेश में अब तेज बारिश का दौर खत्म हो गया है। सोमवार को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से सटे कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है। दोपहर बाद बुंदेलखंड, बघेलखंड़ और महाकौशल के कुछ इलाकों में रिमझिम हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के नर्मदापुरम, हरदा, भिंड, मुरैना और श्योपुरकलां में बूंदाबांदी होने की संभावना है।

मध्यप्रदेश में 15 अक्टूबर मानी जाती है विदाई

मौसम विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश में मानसून की विदाई 15 अक्टूबर के आसपास मानी जाती है। राजस्थान में विदाई घोषित होने के एक सप्ताह के अंदर यह मध्यप्रदेश से भी विदा हो जाता है। वैज्ञानिकों की माने तो तकनीकी रूप से मानसून की विदाई जरूर हो जाती है, लेकिन कुछ समय तक गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। इसलिए अधिकारिक तौर पर विदाई होने के बाद भी हल्की से मध्यम बारिश होती रहती है। प्रदेश में 10 साल में तीसरी सबसे ज्यादा बारिश का सीजन रहा।

मध्यप्रदेश में अब तक 47 इंच बारिश हो चुकी

मध्यप्रदेश में 1 जून से अब तक 45 इंच बारिश हो चुकी है। यह सामान्य 38 इंच से 24% ज्यादा है। सबसे ज्यादा बारिश नर्मदापुरम में 71 इंच, भोपाल में 70 और राजगढ़ में 69 इंच हुई। प्रदेश के 32 जिलों में 40 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है।

यहां 40 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी

मध्यप्रदेश में इस सीजन में कई इलाकों में 40 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। यह इलाके हैं अनुपपुर (48 इंच), बालाघाट (56 इंच), छिंदवाड़ा (63 इंच), दमोह (41इंच), जबलपुर (50 इंच), मंडला (54 इंच), नरसिंहपुर (51 इंच), निवाड़ी (42 इंच), पन्ना (इंच 42), सागर ( 52 इंच), सिवनी (57 इंच), उमिरया (42 इंच), आगरमालवा (56 इंच), अशोकनगर ( 49 इंच), भोपाल (70 इंच), बुरहानपुर (45 इंच), देवास (54 इंच), गुना (65 इंच), हरदा (56 इंच), इंदौन (42 इंच), खंडवा (41 इंच), मंदसौर (41 इंच), नीमच (44 इंच), रायसेन (64 इंच), राजगढ़ (69 इंच), सीहोर (62 इंच), शजापुर (51 इंच), श्योंपुरकलां (41 इंच) और विदिशा (43 इंच) में 40 इंच से ज्यादा बारिश हुई।

ज्यादा बारिश का कारण

अधिक बारिश वाले इलाकों में से अधिकांश जिलों में अरब और बंगाल की खाड़ी से आने वाले दोनों मानसून का असर पड़ता है। ऐसे में इन इलाकों में ज्यादा बारिश हुई है। आमतौर पर यहां पर प्रदेश की सबसे ज्यादा बारिश होती है।

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