March 19, 2024

मध्यप्रदेश के 46 जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से भी कम, जानिए यहां..

भोपाल – मध्यप्रदेश में एक बार फिर कड़ाके की ठंड का एक और दौर आ गया है। आज सुबह भोपाल में गलन वाली ठंड रही। ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर में भी न्यूनतम पारा 10 डिग्री से नीचे आ गया है। मध्यप्रदेश के 46 जिलों में बुधवार रात न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से भी कम रिकॉर्ड हुआ। रायसेन, शाजापुर समेत कई जगह आज सुबह फसल, पेड़-पौधों पर ओस जमी दिखी। 2 डिग्री पारे के साथ पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा।

मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद वहां से यहां बर्फीली हवा आ रही है। अगले तीन-चार दिन आसमान साफ रहने की संभावना है, इसलिए ठंड भी बढ़ सकती है। ग्वालियर-चंबल में बारिश का एक और दौर आएगा। फरवरी के दूसरे और तीसरे हफ्ते पानी गिर सकता है।

भोपाल में फरवरी का पहला दिन 13 साल में सबसे ठंडा

शहर में फरवरी की शुरुआत भी कड़ाके की ठंड से हुई है। बुधवार को दिन का तापमान 22.3 डिग्री दर्ज किया गया। 13 साल में फरवरी का पहला दिन सबसे ठंडा रहा। शहर में रात में भी ठंड बढ़ गई है। बीते 24 घंटे में रात के तापमान में 1.6 डिग्री की गिरावट हुई। बुधवार को सुबह से रात तक शहर में ठंडी हवा चली। ठंड के कारण रात में भी पारा तेजी से नीचे लुढ़का।

इंदौर में भी दिन का तापमान कोल्ड डे के करीब

इंदौर में फरवरी का पहला दिन कोल्ड डे के करीब पहुंच गया। 6 से 20 किमी की गति से चली हवा ने बुधवार दिन का पारा 23.4 डिग्री पर ला दिया। यह सामान्य से 4 डिग्री कम रहा। रात का तापमान 8.6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। अगले चार से पांच दिन तापमान कम ही रहेगा। जब न्‍यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम और अध‍िकतम तापमान सामान्‍य के मुकाबले 4.5 डिग्री कम होता है, तो इसे कोल्‍ड-डे कहते हैं।

ग्वालियर-चंबल में बारिश का पूर्वानुमान

फरवरी के दूसरे और तीसरे सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग में हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान मौसम विभाग ने जारी किया है। ग्वालियर संभाग में हल्की, तो चंबल संभाग में मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। साथ ही भिंड, मुरैना, दतिया और शिवपुरी का न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास रहने का अनुमान है। ग्वालियर, श्योपुर का रात का पारा सामान्य से कम रह सकता है। इसी तरह मुरैना, भिंड, दतिया और शिवपुरी का दिन का पारा सामान्य के आसपास रहेगा। ग्वालियर में सामान्य से कम रह सकता है।

आज से एक्टिव होगा नया सिस्टम, पर मप्र में असर नहीं

मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) 15 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में 65 डिग्री देशांतर के सहारे मध्य क्षोभमंडल की पछुवा पवनों के बीच एक ट्रफ के रूप में समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर धुरी बनाते हुए सक्रिय है। साथ ही प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण (Induced Cyclonic Circulation) दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक सक्रिय है। 2 फरवरी से अगले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावी होने की संभावना बनी हुई है। हालांकि, इसका मध्यप्रदेश में असर नहीं रहेगा।

प्रदेश के आधे जिले भीगे

पिछले 15 दिन से प्रदेशभर में बारिश का दौर जारी रहा। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग खूब भीगे। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन समेत मालवा-निमाड़ के शहरों में भी बारिश का दौर जारी रहा। शिवपुरी, श्योपुर, नीमच, मंदसौर इलाके में ओले भी गिरे।

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