April 29, 2024

ED और CBI के दुरुपयोग पर कांग्रेस समेत देश के 14 राजनीतिक दलों की याचिका पर SC में सुनवाई

इन दलों का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।

नई दिल्ली – कांग्रेस समेत देश के 14 राजनीतिक दलों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। याचिका में केंद्र सरकार पर ED और CBI के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। इन दलों का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए इन एजेंसियों के लिए गिरफ्तारी व जमानत के मामलों में कोर्ट गाइडलाइन तय करे।
विपक्षी पार्टियों ने याचिका में दिए ये तर्क 2005 से 2014 तक जांच एजेंसियां किसी भी मामले में पहले छापे मारती थीं, फिर मिले हुए सबूतों पर कार्रवाई करती थीं। 93% मामलों में कार्रवाई की यही व्यवस्था थी। मगर 2014 से 2022 तक यह सिलसिला 93% से घटकर 29% हो गया।
PMLA कानून के बाद तक अभी तक केवल 23 लोगों को ही दोषी ठहराया गया है। जबकि ED इस कानून के तहत दर्ज किए जाने वाले मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2013 में ED ने 209 मामले दर्ज किए थे। वहीं 2020 में 981 और 2021 में 1180 केस दर्ज किए।
2004 से 2014 के बीच सीबीआई ने 72 नेताओं के खिलाफ जांच की थी जिसमें 43 नेता उस समय विपक्षी दल के थे जो कि 60% से भी कम है। जबकि अब यह आंकड़ा 95% हो गया है।
ED भी CBI के पैटर्न पर काम कर रही है। 2014 से पहले विपक्षी दलों के नेताओं पर कार्यवाही का प्रतिशत 54% था जो कि अब 2014 से 2022 के बीच 95% से अधिक हो गया है।


याचिकाकर्ता दलों की अपील

  • गिरफ्तारी व रिमांड के लिए सीबीआई व ईडी अधिकारी ट्रिपल टेस्ट का इस्तेमाल करें।
  • कोर्ट गंभीर शारीरिक हिंसा छोड़ अन्य अपराधों में गिरफ्तारी पर रोक लगाए।
  • अगर आरोपी तय शर्तों का पालन नहीं करता तो उन्हें कुछ घंटों की पूछताछ या फिर हाउस अरेस्ट की अनुमति ही दी जानी चाहिए।
  • जमानत एक अपवाद वाले सिद्धांत का पालन अदालतों द्वारा ईडी व सीबीआई के केसों में भी किया जाना चाहिए।
  • जहां पर ट्रिपल टेस्ट का पालन किया गया है, वहां पर जमानत से इनकार किया जाना चाहिए।


याचिका दायर करने वाले 14 विपक्षी दल


सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने वाले विपक्षी दलों में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, आरजेडी, बीआरएस, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी), जेएमएम, जेडीयू, सीपीआई (एम), सीपीआई, समाजवादी पार्टी और जम्मू-कश्मीर नेशनल कांग्रेस का नाम शामिल हैं।

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