पति फोन कर कहता रहा मत पीटो, वो भाई-बहन हैं
खंडवा – खंडवा में चरित्र शंका में भाई-बहन को बुरी तरह पीटा गया। लोगों ने दोनों को बीच रोड पर पेड़ से बांधकर कोड़े मारे। दोनों गिड़गिड़ाते रहे कि वे भाई-बहन हैं। महिला का पति भी फोन कर लोगों से कहता रहा जिनको बांधा है वे भाई-बहन हैं, लेकिन लोग नहीं माने। एक घंटे बाद पुलिस ने दोनों को छुड़ाया। घटना गुरुवार को पिपलोद के बामंदा गांव की है। शुक्रवार को थाने में शिकायत की गई। शुक्रवार रात पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के मुताबिक झारीखेड़ा का ज्ञानलाल बामंदा गांव अपनी बहन कलावती से मिलने गया था। बहन घर में अकेली थी। गांव के कुछ लोगों ने सोचा कि नया शख्स महिला से मिलने आया है। लोग जुटे और दोनों को घर से बाहर खींच लाए। चरित्र शंका को लेकर दोनों को पेड़ से बांधकर लकड़ी और कोड़ों से 1 घंटे तक पीटा। इसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची डायल 100 के जवानों ने आरोपियों के चुंगल से छुड़वाकर भाई-बहन को अस्पताल पहुंचाया।
ज्ञानलाल ने पुलिस को बताया कि वह ड्राइवरी करता है। जीजा और मौसेरा भाई रमेश भी रतलाम में नौकरी करता है। वह काफी समय से बहन कलावती से मिल नहीं पाया था। उस दिन फुर्सत में था तो मिलने चला गया। मैं भीतर खटिया पर बैठा था, बहन घर का काम कर रही थी। इतने में आठ-दस लोग आए और मुझे पकड़ लिया। मेरे पीछे बहन को भी घर से बाहर किया। फिर पीटते-पीटते गांव के बाहर ले गए। नीम के पेड़ के पास ले जाकर रस्सी से बांध दिया। मुझे अर्धनग्न कर एक घंटे तक वो लोग पीटते रहे।
भीड़ ने पति की बात भी नहीं मानी
मारपीट के दौरान गांव में भीड़ जुट गई। किसी ने कलावती के पति रमेश को फोन पर सूचना दी। रमेश ने आरोपियों को समझाया कि हम रिश्तेदार हैं। उसे मत पीटो। रमेश की बात को भी उन्होंने अनसुना कर दिया।
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