जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती मैं मोहन भागवत को गुरु, गोविंद, ग्रंथ तीनों से हीन बताया
रीवा – रीवा प्रवास पर आए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के लिए कहा कि उन्हें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। वे बाल गोपाल हैं, ज्यादा बड़-बड़ न बोलें। भागवत के पंडितों पर दिए बयान पर निश्चलानंद सरस्वती ने यह बात कही।
उन्होंने आगे कहा, मोहन भागवत मेरे पास बाल गोपाल होकर ही बैठते हैं। ये गुरु, गोविंद और ग्रंथ तीनों से हीन हैं। सालभर इनको बोलना है, कुछ न कुछ ऊटपटांग तो बोलेंगे ही, इनकी लाचारी है। सिखों के यहां ग्रंथ है, किसी के यहां कुरान है, किसी के यहां बाइबिल है, लेकिन इनके यहां तो बड़ी कठिनाई है- न गुरु, न गोविंद, न ग्रंथ। ब्राह्मण के ऊपर कटाक्ष कर अपने पांव पर ही कुल्हाड़ी मार ली।
ज्ञात रहे कि दो महीने पहले मुंबई में संत रोहिदास जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है, जाति पंडितों ने बनाई, जो गलत है। भगवान के लिए हम सभी एक हैं। हमारे समाज को बांटकर पहले देश में आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने इसका फायदा उठाया।
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