May 4, 2024

कांग्रेस का आरोप – देवास जिले की सतवास नगर परिषद में मुख्यमंत्री के दबाव में कलेक्टर ने अवैध रूप से एक वोट से कांग्रेस को हरवाया

कांग्रेस ने मोबाईल पर मुख्यमंत्री और भाजपा जिलाध्यक्ष के बीच हुई बातचीत का वीडियो किया जारी

भोपाल – प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने देवास जिले की सतवास नगर परिषद के सम्पन्न उप-चुनाव में कांग्रेस द्वारा घोषित प्रत्याशी अरविंद (लाला) पटेल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दबाव में एक वोट से हरवाने का आरोप लगाया है। अपने इस आरोप को साबित करने के लिए मिश्रा ने देवास जिला भाजपा के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच मोबाईल फोन पर हुई सार्वजनिक चर्चा से संदर्भित वीडियों को भी जारी किया है, जिसमें भाजपा जिला अध्यक्ष, मुख्यमंत्री से कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए जाने की आग्रह कर रहे है। उन्होंने आशंका जाहिर की कि जब एक छोटे चुनाव में मुख्यमंत्री का यह स्वरूप सामने आ रहा है, तब विधानसभा चुनाव के दौरान निष्पक्ष और निर्भीक मतदान की उम्मीद कैसी की जा सकती है?
मिश्रा ने कहा कि उक्त नगर परिषद के उप-चुनाव पुरी तरह कांग्रेस के पक्ष में थे, क्योंकि लगभग 40 साल बाद गत् दिनों हुए एक पार्षद पद का चुनाव परिणाम पूर्व मुख्यमंत्री स्व.कैलाश जोशी के पुत्र श्री दीपक जोशी के सदप्रयत्नों से कांग्रेस के पक्ष में आया था, जिसकी निर्णायक भूमिका होने के खातिर नगर परिषद में कांग्रेस का कब्जा होना सुनिश्चित था। कल सम्पन्न मतदान में एक मतदाता ने अपने मतपत्र पर तीन सील लगाकर मतदान किया था जो नियमानुसार रद्द होना था, इस दौरान मतगणना अधिकारी ने राजनैतिक दबाव का पालन करते हुए कांग्रेस की वैधानिक आपत्ति को भी खारिज कर दिया। हालांकि मतगणना के दौरान निर्वाचन अधिकारी महिला तहसीलदार ने उसे नियम विरूद्ध बताकर अपनी वैधानिक असहमति का सार्वजनिक इज़हार भी कर दिया था, किन्तु मुख्यमंत्री द्वारा जिला कलेक्टर ऋषभ गुप्ता को किए गए अवैधानिक निर्देश के बाद कलेक्टर ने मतगणना अधिकारी पर दबाव बनाकर उस मतपत्र को न केवल रद्द होने दिया, बल्कि भाजपा प्रत्याशी श्रीमती बलवीर कौर को विजयी भी घोषित करवा डाला।
मिश्रा ने कहा कि इस समूची प्रक्रिया को मुख्यमंत्री के दबाव के बाद कलेक्टर ने अवैधानिक रूप से सम्पन्न करवाकर भाजपा के पक्ष में निर्णय करवाया है, जो निर्वाचन के नियमों के भी विरूद्ध है। लिहाजा, निर्वाचन आयोग कलेक्टर के विरूद्ध विधि सम्मत आदेश पारित करे। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी आशंका जाहिर करते हुए कहा कि यदि निर्वाचन प्रक्रिया में इस तरह के नियम विरूद्ध निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए जाते रहे और जिला कलेक्टर व निर्वाचन अधिकारी उनका अमल करते रहे तो समूचे प्रदेश में निष्पक्ष निर्वाचन असंभव है।

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