May 18, 2024

मध्यप्रदेश में भाजपा के लिए खतरे की घंटी

825 विस्तारकों ने बूथों की जमीनी हकीकत पता करने के लिए सात दिनों के प्रवास पर 1082 मंडलों में किया सर्वे

भोपाल – विधानसभा चुनाव से पहले अभी तक आई भाजपा संगठन, संघ और वनवासी कल्याण परिषद के आंतरिक सर्वे रिपोर्ट में प्रदेश के अधिकांश विधायकों की परफॉर्मेंस को कमजोर बताया गया है। कुछ सर्वे में दावा किया गया है कि भाजपा 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को अल्पकालिक विस्तारकों को मैदानी मोर्चे पर तैनात किया। मप्र में 825 विस्तारकों ने 7 दिन तक सभी 230 विधानसभा सीटों पर सर्वे किया है। इन सभी की रिपोर्ट को एकजाई कर प्रधानमंत्री को सौंपी जाएगी। इस दौरान भाजपा सूत्रों ने जानकारी दी है कि अल्पकालिक विस्तारकों के सर्वे में यह तथ्य निकलकर सामने आया है कि मप्र में भाजपा डेंजर जोन में है। पार्टी के आधे से अधिक विधायकों पर हार का खतरा मंडरा रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश में भाजपा 230 सीटों में से 200 जीतने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है। लेकिन एंटी इनकम्बेंसी, बगावत और भ्रष्टाचार के कारण भाजपा की स्थिति पिछले 20 साल में सबसे खराब है। यही कारण है कि पार्टी लगातार सर्वे करवा रही है। पार्टी ने अब अपने अनुषांगिक संगठन के कार्यकर्ताओं के जरिए सर्वे करवाया है। इन सबसे हटकर वनवासी कल्याण परिषद, आरएसएस के जरिए भी पार्टी ने सर्वे करवाया है। पूर्व की रिपोर्ट कई विधायकों की सीट खतरे में बताई गई थी। इसके चलते पार्टी ने अल्पकालिक विस्तारकों से नया सर्वे करवाया है। यह रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री को सौंपी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने आए अल्पकालिक विस्तारकों का चयन पार्टी ने अपने संगठन की मैदानी मजबूती का आकलन करने के लिए किया। देशभर से आए तीन हजार कार्यकर्ता मोदी का मंत्र लेकर उन चार राज्यों में भेजे गए, जहां इसी वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं।

बूथों की जमीनी हकीकत जुटाई गई

प्रदेश में भाजपा संगठन लगातार दावा कर रहा है कि देश में सबसे मजबूत बूथ पर पकड़ मप्र में है। प्रदेश संगठन के इन दावों की हकीकत जानने के लिए इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कदम आगे बढ़ाया है। इसके तहत भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बाहरी राज्यों के कार्यकर्ताओं के माध्यम से मप्र में बूथों की जमीनी स्थिति पता करा रहा है। मेरा बूथ-सबसे मजबूत कार्यक्रम में 27 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली में बाहरी राज्यों से भोपाल आए लगभग तीन हजार कार्यकर्ताओं में से सवा आठ सौ विस्तारकों को भाजपा ने मप्र में बूथों की जमीनी हकीकत पता करने के लिए सात दिनों के प्रवास पर अलग-अलग 1082 मंडलों में भेजा था। उनके माध्यम से पार्टी जानना चाहती है कि हर बूथ पर पन्ना समिति, अर्ध पन्ना समिति बनी है या नहीं। इनके साथ मध्य प्रदेश के भी ढाई सौ कार्यकर्ताओं को बूथों पर भेजा गया था। प्रदेश में 65 हजार से अधिक बूथ हैं। देश के सभी राज्यों से आए बूथ कार्यकर्ताओं से कहा गया था कि हम संकल्प लें कि राज्यों के विधानसभा चुनाव में हर बूथ पर भाजपा को जिताएंगे। बूथ जीता तो चुनाव जीता। 2023 में राज्यों में भाजपा की सरकार बनेगी और वर्ष 2024 में नरेन्द्र मोदी एक बार फिर देश का नेतृत्व करेंगे।

हर बूथ की विस्तार से समीक्षा

मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में सात दिनों तक कार्यकर्ताओं ने बूथ विस्तारक बनकर काम किया। हर कार्यकर्ताओं को एक-एक मंडल की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें आने वाले बूथों पर विस्तारकों ने बूथ कमेटी, पन्ना कमेटी और अर्ध पन्ना प्रमुख के लिए अब तक किए गए प्रयासों को परखा। बूथ की मजबूती के लिए बैठक करके उन नई बातों से अवगत कराया, जिन्हें यहां लागू नहीं किया गया था। हर बूथ की विस्तार से समीक्षा की और प्रदेश संगठन के लिए रिपोर्ट भी तैयार की। बूथ पर भेजने से पहले इन कार्यकर्ताओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया गया था। ये विस्तारक गुरुवार को अपने-अपने राज्यों के लिए रवाना होंगे। बूथ भेजे गए इन विस्तारकों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सेवा का पाठ भी पढ़ाया। जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं को लक्ष्य दिया था, उसी के अनुरूप विस्तारकों ने बूथ पर भाजपा कार्यकर्ताओं को समाज सेवक बनकर काम करने की प्रेरणा दी। पीएम ने कहा था कि आप देखना आपकी तरफ देखने का दृष्टिकोण बदल जाएगा। उन्हें सीख दी गई कि जनता की रोजमर्रा की जिंदगी से जुडक़र आपका बूथ मजबूत होगा।

इस तरह हुआ सर्वे

पार्टी ने अल्पकालिक विस्तारकों को सर्वे की जो जिम्मेदारी दी थी उसके तहत उन्होंने स्थानीय लोगों से किसी भी चौराहे, गली, सडक़ से लेकर दुकान व आवासों में जाकर विधायक के बारे में चर्चा की। आमजन यदि विधायक के पक्ष में बोलें तो कार्य बेहतर। पसंद न हो तो लोगों के खिलाफ बोलने पर नापसंद की राय बनाई गई है। भाजपा की मजबूती का आधार ही हमारा बूथ है। पार्टी पदाधिकारियों के अनुसार चुनाव पूर्व गुजरात से भी सर्वे के लिए पदाधिकारी आएंगे। 2013 व 2018 में बड़ी संख्या में गुजरात से आए पदाधिकारियों के सर्वे के आधार पर टिकट वितरण हुआ था। ये दावा आज भी किया जाता है। ऐसे में हर माह अलग-अलग लोगों व ऐजेंसियों से सर्वे कार्य कराया जाएगा। अंतिम सर्वे गुजरात के नेता करेंगे। सभी प्रकार के सर्वे के बाद ही पार्टी अंतिम निर्णय लेगी। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि सर्वे में विभिन्न विषय शामिल रहते हैं। कई बार तो इस प्रकार के सर्वे में घोषणा पत्र में जोडऩे लायक मुद्दे भी सामने आते हैं। सर्वे अंतिम समय तक चलेगा। ये आंतरिक होता है, इसलिए किसके बारे में रिपोर्ट कार्ड में क्या आया, ये नहीं बताया जाता। मप्र में बूथ विस्तारक योजना के तहत बहुत सराहनीय काम किया गया है इसलिए देश के अन्य राज्यों से आए कार्यकर्ताओं को संगठन ने मप्र के हर मंडल तक भेजा था। इसका उद्देश्य सीखना-सिखाना था, जो नई बातें हैं उन्होंने हमें सिखाईं, कुछ अच्छे काम यहां से सीखे।

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