May 3, 2024

एमपी की 6 सीटों पर 8 % वोटिंग घटी

पिछले 2 चुनाव में बढ़ी वोटिंग से बीजेपी को फायदा; घटने से सीधी-मंडला पर सस्पेंस
भोपाल – लोकसभा चुनाव के पहले चरण में एमपी की 6 सीटों पर 67 फीसदी वोटिंग हुई। पिछली बार इन सीटों पर औसत 75 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस लिहाज से करीब 8 फीसदी कम वोटिंग हुई है। आखिर क्या है इस वोटिंग के मायने ? ये जानने के लिए हमने पिछले आम चुनावों के वोटिंग पर्सेंट के रुझान देखे। एक्सपर्ट से ये समझने की कोशिश की कि वोटिंग बढ़ने या कम होने से किसे फायदा होगा? सबसे कम 55.19 फीसदी वोटिंग सीधी में हुई, जो 2019 से 14 फीसदी कम है। शहडोल में भी 11 फीसदी कम वोटिंग हुई है। सबसे ज्यादा 79.59 फीसदी वोटिंग छिंदवाड़ा में हुई।
राजनीति के कुछ जानकारों का कहना है कि चुनाव की घोषणा से लेकर वोटिंग के दिन तक छिंदवाड़ा का राजनीतिक तापमान हर दिन बदलता रहा है। वोटिंग डे पर महापौर विक्रम अहाके का कमलनाथ खेमे में शामिल होने का कांग्रेस के लिए पॉजिटिव असर रहा है। मंडला में वोटिंग 2019 के मुकाबले कम हुई है। यहां 5 फीसदी कम वोटिंग है। वरिष्ठ पत्रकार सुधीर उपाध्याय कहते हैं कि मंडला में इस बार लोगों में चुनाव के प्रति कम उत्साह था। ऐसा पुराने प्रत्याशी होने की वजह से नजर आया। परिणाम पर वे कहते हैं कि उत्साह कम होने का असर दिखेगा। इस बार यहां हार जीत का मार्जिन भी काफी कम होगा। 6 लोकसभा सीटों में सबसे कम वोटिंग सीधी संसदीय सीट पर दिख रही है। यहां 54.36 फीसदी वोट पड़े हैं। ये 2019 के मुकाबले 15 फीसदी कम है। यहां वोट पर्सेंट में गिरावट भाजपा के लिए चिंता की बात हो सकती है। यहां कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल और बीजेपी के राजेश मिश्रा के बीच मुकाबला था। यहां भाजपा प्रत्याशी से स्थानीय स्तर पर नाराजगी भी चर्चा में थी।

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