May 19, 2024

मतदान बहिष्कार के बाद भी नहीं हुई सुनवाई:प्रशासन की ग्रामीणों के मूवमेंट पर नजर

बैतूल के एक गांव में आजादी के बाद से बिजली को तरस रहे रहवासी

बैतूल – पांच महीने पहले विधानसभा चुनाव में जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में 81.80 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार इस मतदान प्रतिशत को बनाए रखना प्रशासन के लिए चुनौती से कम नहीं है। वह भी ऐसे में जब पूरे जिले में एक दर्जन से ज्यादा गांवों में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया हुआ है। इसे भांपकर प्रशासन उन गांवों में भी ग्रामीणों को साधने में जुटा है। जहां चुनाव बहिष्कार हो चुका है। डर यह है कि पांच महीने पहले जिन समस्याओं की वजह से ग्रामीणों ने बहिष्कार किया था। वह समस्याएं आज भी जस की तस है।
जिले के भतोड़ी वन ग्राम और धौल में शून्य, बुरहानपुर में 2, उतरी में 12 मतदाता ने वोट नही डाला था।जबकि देवठान में 4,कनारी में 12, पंछी में 4, भग्गू ढाना और टोकरा में 23 23 वोटर ने ही मतदान किया था। इन नौ मतदान केंद्र पर 2714 वोट थे जिनमे से महज 77 वोट ही डाले जा सके थे।
वह भी प्रशासन ने मिन्नत करने के बाद गांव के कुछ शासकीय कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों से यह वोट डलवाए थे। अब इन गांवों से चुनाव बहिष्कार करने का ऐलान तो नहीं है। हालांकि, प्रशासन इन गांवों को लेकर चौकन्ना है। यही वजह है कि इन गांवों में प्रशासनिक अधिकारियों को भेजकर ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है।
पिछले विधानसभा में भैसदेही विधानसभा क्षेत्र के डोाजाम में सिर्फ 10 वोट पड़े थे। यहां पोलिंग बूथ उत्तरी में 5 ग्राम के मतदाता मतदान करते है। इनमें उत्तरी गांव, भाटबोरी, गांव वन ग्राम पलंगा, बाराउत्तरी और गवाडी ढाना शामिल है। जिसमें 5 ग्राम में कुल 1051 मतदाता है।
इन लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था। उप सरपंच आसाराम यादव ने उस समय बताया था कि हमारे ग्राम में आजादी के बाद से आज तक बिजली नहीं पहुंची है। मोबाइल टावर की सुविधा नहीं मिल सकी है। सड़क भी नहीं है। भटबोरी ग्राम में कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है।
नल जल योजना भी नहीं लाई गई है। हम पेयजल संकट से भी जूझते है। अब के जब आशाराम से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि जिन मुद्दों को लेकर बहिष्कार किया गया था।वे समस्याएं अब भी जस की तस है। उन्होंने बताया की न तो गांव में अब भी बिजली लगी है और न मोबाइल टावर शुरू हो सका है। टावर बन जरूर गया है। बटबोरी तक ढाई किमी सड़क की मांग थी। वह भी पूरी नहीं हुई है।
इधर, कनारी , देवतान, पंछी,टोकरा में भी समस्याएं जैसी की वैसी ही है। यहां ग्रामीणों ने रोड नही तो वोट नहीं का नारा देकर चुनाव बहिष्कार किया था। यहां अभी भी रोड नही बना है। उप सरपंच पन्नालाल के मुताबिक पाट से पंछी ,टोकरा तक सड़क नही बनी है। 15 km की यह दूरी ग्रामीण जैसे तैसे पूरी करते है। देव ठान में भी सड़क की समस्या है।
बहिष्कार के डर से प्रशासन ने ऐसे सभी गांव जहां बहिष्कार हो चुका है।अधिकारी मतदाताओं को समझाने में जुटे हुए है। 4 दिन पहले चिचोली तहसीलदार अतुल श्रीवास्तव और आरईएस के एसडीओ अभिषेक वर्मा कनारी पाट पहुंचे थे। उन्होंने घूमकर ग्रामीणों को समझाइश देने की कोशिश की। हालांकि, गांव में कोई इकट्ठा ही नहीं हुआ। तहसीलदार ने बताया की ग्रामीणों की रोड की डिमांड है। इसे लेकर वे कलेक्टर को पत्र लिखेंगे। इस सड़क मार्ग पर 11 ब्रिज, पुलिया बनाया जाना है।

About Author