April 30, 2024

हर सरकार कर्मचारियों से चलती है और अगर कर्मचारियों के साथ ही अन्याय हो, तो कैसे सरकार चलेगी : कमलनाथ

भोपाल- मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में आज 8वें दिन पुरानी पेंशन पर हंगामा हो गया। प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा के सवाल पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा- पुरानी पेंशन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। मंत्री के जवाब पर कांग्रेस विधायक सदन से वॉकआउट कर गए। पुरानी पेंशन पर सवाल और हंगामे के दौरान विधानसभा की बिजली गुल हो गई। 5 मिनट बाद बिजली आई।

कमलनाथ ने कहा, हर सरकार कर्मचारियों से चलती है और अगर कर्मचारियों के साथ ही अन्याय हो, तो कैसे सरकार चलेगी। हमारे साथी सज्जन वर्मा ने सीधा सा प्रश्न पूछा कि जगदीश देवड़ा ने जवाब में कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह घोर अन्याय है। सरकार ने सदन में स्पष्ट कर दिया है कि पुरानी पेंशन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हम यह निर्णय करेंगे। सज्जन वर्मा ने शून्यकाल में कहा, भोपाल में गैस पीड़ितों की बड़ी आबादी है। इनके मुआवजे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है और यह कहा है कि 8000 करोड़ का मुआवजा केंद्र सरकार अपनी तरफ से दे।

आज विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया गया। इस पर 16 मार्च को चर्चा की जाएगी। वित्त मंत्री की मांग पर स्पीकर गिरीश गौतम ने डेढ़ घंटे का समय तय किया है।

अहीर रेजिमेंट के लिए प्रस्ताव

अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव रखा गया। लंबे समय से प्रदेश और देश के अलग-अलग इलाकों में यादव समाज सेना में अहीर रेजिमेंट का गठन करने की मांग उठाता आ रहा है। आज विधानसभा में बरगी से कांग्रेस विधायक संजय यादव ने अहीर रेजिमेंट के गठन करने को लेकर अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किया।

ये दो संकल्प और पेश होंगे

आज सदन में सतना जिले के बगहाई रोड रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रामपुर बघेलान रोड करने का अशासकीय संकल्प आएगा। रामपुर बघेलान से भाजपा विधायक विक्रम सिंह इस अशासकीय संकल्प को प्रस्तुत करेंगे। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और नर्मदापुरम के भाजपा विधायक डॉ. सीताशरण शर्मा भोपाल के निशातपुरा रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर कैलाश सारंग के नाम पर करने का अशासकीय संकल्प प्रस्तुत करेंगे। भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया दंड संहित में 1896 से चली आ रही तत्कालीन शब्दावली परिवर्तित कर हिंदी शब्दकोश के शब्दों का उपयोग करने का अशासकीय संकल्प पेश करेंगे।

क्या होता है शासकीय और अशासकीय संकल्प

विधानसभा में दो तरह के संकल्प लाए जाए सकते हैं। पहला वो जिसे सरकार की ओर से लाया जाए। दूसरा किसी भी विधानसभा सदस्य द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को पहले से सूचना देकर लाया जाता है। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले होने वाली कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इस पर विचार होता है। बैठक में सहमति बनने के बाद इसे विधानसभा की कार्यवाही के लिए सूचीबद्ध किया जाता है। दोनों ही संकल्प पर रखने वाला विधायक या मंत्री पहले अपना पक्ष रखता है। इस पर मत विभाजन भी हो सकता है। अगर संकल्प पारित होता है, तो सरकार उस पर काम भी कर सकती है।

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