पहले मध्यप्रदेश की पहचान ग्वालियर से होती थी। अब इंदौर, भोपाल और जबलपुर से एमपी को पहचाना जाता है। ग्वालियर से नहीं। मैंने तो ग्वालियर क्षेत्र की पूरी राजनीति और वहां के विकास का जिम्मा ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंप दिया था। आज यह क्षेत्र इतना पिछडा क्यों है? जनता को सिंधिया से यह पूछना चाहिए कि सिंधिया परिवार ने ग्वालियर-चंबल के लिए क्या किया,कौन सी पहचान बनाई?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने यह बात एक न्यूज़ चैनल के इंटरव्यू में कही। उपचुनाव अभियान का औपचारिक आरंभ करने कमलनाथ 18 सितंबर को ग्वालियर जा रहे हैं। इस यात्रा के पहले उन्होंने ग्वालियर के विकास और ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मैंने ग्वालियर पर कभी ध्यान नहीं दिया क्योंकि हमने इसका ज़िम्मा सिंधिया परिवार को दे रखा था। अब सिंधिया ने शिवराज सिंह चौहान से झूठ बोलना सीख लिया है।
नाथ ने कहा कि सिंधिया ने मुझसे कितने काम करवाए, इसके प्रमाण मेरे पास मौजूद है। वह केवल ट्रांसफर-पोस्टिंग की ही बात करते थे, उन्होंने कभी विकास की बात नहीं की। मैंने विदिशा में अस्पताल का उद्घाटन किया और उनके कहे बग़ैर उसका नाम स्व.माधव सिंधिया के नाम पर रखा। खुद अपनी भावनाओं से किया। 9 मार्च के पहले के उनके भाषण देख लो। वे कर्ज माफी के सर्टिफिकेट खुद बांटते थे। इसलिए मैं कह रहा हूं कि उन्होंने शिवराज जी से बड़ी जल्दी झूठ बोलना सीख लिया। शिवराज जी तो 15 साल से झूठ बोल रहे हैं। अब इन्होंने भी सीख लिया है
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता जानती है किन परिस्थिति में यह उपचुनाव हो रहा है, कैसे प्रजातंत्र संविधान के साथ खिलवाड़ हुआ है। आज बाबासाहेब अंबेडकर होते तो क्या देखते? किसी विधायक-सांसद के नहीं रहने से उपचुनाव होता था लेकिन प्रदेश में आज सौदेबाज़ी के कारण उपचुनाव हो रहे है। हमें आंकड़ों की जरूरत नहीं है।प्रदेश की जनता अब अपने मन की सरकार बनाएगी। हमने वोट से सरकार बनाई, उन्होंने नोट से बनाई।
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