मध्य प्रदेश के बैतूल फसल बीमा राशि के नाम पर किसानों से छल किया जा रहा है। जिले के हजारों किसानों के खातों में 100 या 50 रुपए से भी कम बीमा राशि आई है। हद तो तब हो गई जब गोधना गांव के एक किसान के खाते में बीमा राशि केवल एक रुपया आया। किसान इसे धोखा मान रहे हैं और वे सरकार को यह राशि वापस करने की तैयारी में हैं। अपने साथ किए जा रहे छलावा के खिलाफ किसान प्रदर्शन भी शुरू कर चुके हैं।
प्रदेश सरकार ने बड़े जोर-शोर से सूबे के 22 लाख से ज्यादा किसानों को फसल बीमा की राशि दी। इसमें हास्यास्पद बात यह रही कि कुछ किसानों के हिस्से महज एक रुपए की राशि आई। बैतूल के गोधना गांव के रहनेवाले किसान पूरनलाल का नाम ऐसे ही किसानों में एक है। उन्होंने एक हजार 50 रुपए बीमा प्रीमियम अदा किया था, लेकिन उन्हें इनके हिस्से बीमा राशि केवल एक रुपए आई।
बीमा राशि की जानकारी मिलते ही पूरनलाल सदमे में आ गए। पूरनलाल बताते हैं कि ढाई हेक्टेयर के रकबे में लगभग एक लाख की फसल खराब हुई थी। पूरनलाल की तरह ऐसे कई किसान हैं, जिनके खातों में बीमा की राशि 100 रुपए या 50 रुपए से भी कम आई है। किसान इस भद्दे मजाक से दुखी हैं और आक्रोशित भी। गोधना गांव के ही किसान पवन के मुताबिक एक-दो रुपए की बीमा राशि उन्हें देकर अपमानित किया गया है। इस राशि को वो सम्मान के साथ सरकार को लौटा देंगे।
फसलों के नुकसान के एवज में मिली बीमा राशि को लेकर कृषि विभाग के पास भी सही जानकारी उपलब्ध नहीं है। कृषि अधिकारियों के मुताबिक बीमा कम्पनी द्वारा नुकसान का आकलन करने का अपना तरीका है। लेकिन जिन किसानों के खातों में 200 रुपए से कम राशि आई है, उनकी लिस्ट दोबारा बीमा कम्पनी को भेजी जा रही है। बैतूल जिले में कुल 64 हजार 893 किसानों को फसल बीमा की राशि दी गई है। इसके लिए 81 करोड़ 71 लाख की राशि जारी की गई थी।
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