कांग्रेस के नेता दिनेश गुर्जर ने शिवराज सिंह चौहान को भूखे-नंगे परिवार का बताया। निश्चित रूप से उनका बयान निंदा के योग्य था परंतु शिवराज सिंह चौहान ने इसमें भी अवसर ढूंढ निकाला। उन्होंने चुनावी कैंपियन बना डाला। चुनाव प्रचार अभियान ‘गरीब होना गुनाह है तो मैं भी शिवराज’ #mainbhishivraj पर जितना पैसा खर्च किया गया, उतना यदि किसी एक व्यक्ति को दे दिया जाता तो गरीब आयकर दाता बन जाता है। आइए शिवराज सिंह की संपत्ति का पता करें:-
चुनावी हलफनामे के अनुसार शिवराज सिंह की संपत्ति का विवरण
- 2004 लोकसभा चुनाव विदिशा: कुल संपत्ति का मूल्य 5814600
- 2008 विधानसभा चुनाव बुधनी: 12331600 (4 साल में डबल से भी ज्यादा)
- 2013 विधानसभा चुनाव बुधनी: 62754114 (5 साल में 5 गुना से भी ज्यादा)
- 2018 विधानसभा चुनाव बुधनी: 76682140 (5 साल में मात्र सवा गुना चुनौती)
इन आंकड़ों से एक बात और स्पष्ट होती है कि शिवराज सिंह चौहान ने सबसे ज्यादा तरक्की 2008 से 13 के बीच की। इसके बाद शिवराज सिंह के अच्छे दिन खत्म होना शुरू हो गए। 2013 से 18 के बीच शिवराज सिंह जी का जो हाल हुआ है, वह तो विदिशा के सांसद रहते 2004 से 8 के बीच नहीं हुआ था। सब जानते हैं शिवराज सिंह चौहान किसान हैं और उन्हें खेती को लाभ का धंधा बनाना आता है लेकिन आखिरी के 5 साल उनका मुनाफा काफी कम रह गया।
इन आंकड़ों में समीक्षा करने के लिए कुछ और भी है जो केवल जनता कर सकती है। एक और खास बात है। श्री शिवराज सिंह चौहान को सबसे ज्यादा मुनाफा खेती से होता है परंतु वह अपना पूरा समय राजनीति को देते हैं। समझने वाली बात है कि क्या खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए किसान का नेता होना जरूरी है।
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