मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आदिवासी समाज में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनाने को लेकर खास रणनीति तैयार की है। जिसके तहत कांग्रेस आदिवासी समाज को लेकर डॉक्युमेंट तैयार करेगी। इस डॉक्युमेंट में आदिवासियों के लिए कांग्रेस ने क्या किया व 15 साल में बीजेपी ने क्या नहीं किया उसका जिक्र होगा। साथ ही इंदिरा गांधी से लेकर यूपीए सरकार तक कांग्रेस की सभी सरकारों ने क्या किया उसका भी जिक्र होगा।
बीजेपी की सरकार में बढ़ा आदिवासियों पर अत्याचार
कमलनाथ ने दावा किया है कि बीजेपी की सरकार में आदिवासियों पर अत्याचार और उत्पीड़न की घटनाओं में वृद्धि हुई है। उन्होंने इसकी मुख्य वजह कांग्रेस के चलाए आदिवासी हित की योजनाएं को बीजेपी सरकार में तिरस्कार होना बताया है। उन्होंने आदिवासियों से अपील की है कि वे बीजेपी सरकार में होने वाली उत्पीड़न व अत्याचार की घटनाओं की जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को तुरंत दें, ताकि पार्टी नेता आदिवासी वर्ग के साथ मिलकर दमनकारी व उत्पीड़न की घटनाओं का विरोध कर सकें। उन्होंने कहा, ‘हम आदिवासी वर्ग के उत्थान व हित के लिये भविष्य में और क्या-क्या कर सकते हैं, इसके लिए हम शीघ्र ही एक कार्ययोजना बनायेंगे। हमारा शुरू से ही लक्ष्य रहा है कि आदिवासी वर्ग के हित व उत्थान के लिये कार्य करना, इसके लिए हम सदैव प्रतिबद्ध हैं।
आदिवासियों की पहचान उनकी ईमानदारी
बैठक के दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि आदिवासियों की असली पहचान उनकी ईमानदारी है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘बीजेपी की राजनीति सदैव बांटने व तोड़ने की रही है और उन्होंने आदिवासी वर्ग को भी बांटने का काम किया है। हमें बीजेपी की इस नीति व नीयत को पहचानना होगा। भाजपा कुछ गैर राजनैतिक संगठनों का उपयोग कर आदिवासी वर्ग को बांटने व तोड़ने का काम कर रही है। अब तो उन्होंने ने खरीद-फरोख्त का भी काम चालू कर रखा है। हमें इस सच्चाई को पहचानना होगा। आदिवासी समाज की जागरूकता, सावधानी व एकता ही बीजेपी की इस तोड़ने व बांटने की राजनीति को मुंहतोड़ जबाव दे सकती है।’
कांग्रेस ने दिलों को जोड़ने का काम किया
कमलनाथ ने इस दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी का यह कृत्य देश की संस्कृति के विरुद्ध है। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश की संस्कृति लोगों को जोड़ने की है। कांग्रेस ने इसी संस्कृति को अपनाते हुए देश को, समाज को, दिल को जोड़ने का काम किया है। आज की पीढ़ी बेहद जागरूक है। आज आवश्यकता है, हम नई पीढ़ी को जोड़े और उन्हें जागरूक करें।’
बैठक के दौरान प्रमुख आदिवासी नेताओं ने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को आदिवासी विरोधी बताते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से आदिवासियों की हितैषी रही है। बैठक में प्रमुख रूप से आदिवासी नेता व प्रदेश कांगे्रस के पूर्व अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, पूर्व मंत्री बाला बच्चन, हनी बघेल, औंकार मरकाम, पूर्व सांसद गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी, नन्हेलाल धुर्वे, तिलकराजसिंह, अभिजीत शाह सहित अन्य आदिवासी नेता व विधायकगण उपस्थित थे।
कमलनाथ का आदिवासी नेताओं के साथ यह बैठक कई मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है साल 2023 में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी कांग्रेस पार्टी ने अभी से शुरू कर दी है और सरकार बनाने के लिए आदिवासी मतदाताओं का रुख अहम माना जाता है। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी आदिवासियों ने कांग्रेस पर भरोसा जताया था नतीज़तन प्रदेश की 47 आदिवासी वर्ग के प्रभाव वाली विधानसभा सीटों में से 31 विधानसभा सीटें कांग्रेस की झोली में गई थी और कांग्रेस की 15 सालों बाद सत्ता में वापसी हुई।
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