मध्यप्रदेश में निजी स्कूल संचालक और सरकार आमने-सामने आ गए हैं. सरकार ने गुरुवार को आदेश निकाला है कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य कोई फीस आगामी आदेश तक नहीं जमा करनी होगी. वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों ने चेतावनी दी है कि उन्हें ट्यूशन फीस के साथ-साथ अन्य शुल्क जैसे एनुअल फीस और स्कूल डेवलपमेंट फीस वसूलने की इजाज़त दी जाए, नहीं तो 12 जुलाई से प्रदेश के स्कूल विरोध स्वरूप बंद कर दिए जाएंगे.
दरअसल, गुरुवार शाम स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्राइवेट स्कूल, ट्यूशन फीस के अलावा अन्य कोई फीस नहीं लेंगे. इसके साथ ही शैक्षणिक सत्र 2021-22 में आगामी आदेश तक कोई फीस वृद्धि भी नहीं करेंगे. शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए यदि किसी स्कूल द्वारा फीस वृद्धि की गई है तो ऐसी वृद्धि के द्वारा एकत्र की गई फीस को संबंधित छात्रों की आगामी देय फीस से पूरा किया जाएगा. </p>
स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर्स, सभी संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया है.
सरकार ने ट्यूशन फीस के अलावा दूसरी फीस नहीं लेने का आदेश निकाला है तो वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों ने साफ कह दिया है कि ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस लेने की भी इजाजत दी जाए. प्राइवेट स्कूल संचालको ने गुरुवार को सरकार के सामने अपनी 8 मांगें रखी और चेतावनी दी है कि मांग नहीं मानी गई तो 12 जुलाई से प्रदेश के सभी निजी स्कूल बंद कर दिए जाएंगे और ऑनलाइन क्लास भी नहीं ली जाएगी.
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