May 2, 2024

नीतीश कुमार ने दिल्ली दौरे पर विपक्ष की एकता को लेकर दिया बड़ा बयान

Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश (CM Nitish Kumar) कुमार तीन दिवसीय दिल्ली दौर पर हैं. इस दौरान आज उन्होंने सीपीई (एम) नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात की. नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वो विपक्षी दलों को एक करने की कोशिश कर रहे हैं.

नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष को एकजुट होकर संविधान की रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने पीएम पद की उम्मीदवारी पर भी अपना बयान दिया. कहा कि वो पीएम पद के लिए इच्छुक नहीं हैं. बता दें कि नीतीश कुमार आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से भी मुलाकात करेंगे.

राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति से भी मिलेंगे नीतीश

बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने तीन दिवसीय दौरे के तहत राजधानी दिल्ली (Delhi) पहुंचे हुए हैं. 5 सितंबर को एयरपोर्ट से निकलते ही नीतीश कुमार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिलने उनके आवास पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) से भी मुलाकात करेंगे. नीतीश ने यह भी कहा कि वह विपक्ष के बाकी नेताओं से भी मुलाकात करेंगे.

‘विपक्ष एक साथ हो जाए तो अच्छा होगा’

नीतीश कुमार ने कहा, ”चार पार्टी के नेताओं से मिलना ही है, सब से मिलेंगे. कोशिश ये है कि हम सब लोग साथ रहें विपक्ष के, सब लोग साथ हो जाएंगे तो अच्छा माहौल होगा.” उन्होंने कहा, ”कोई काम हो रहा है आप बताएं, विकास का कोई काम हो रहा है? रीजनल पार्टी को तो कमजोर करने का काम हो रहा है. हमारी कोई इच्छा नहीं है, हमारी इच्छा है अधिक से अधिक विपक्ष एक साथ हो जाए तो अच्छा होगा, हम उसका प्रयास करेंगे.”

भाजपा से अलग हो चुके हैं नीतीश

गौरतलब है कि बिहार में एक बार फिर से भाजपा और जदयू का गठबंधन टूट गया है. आंकड़ों के हिसाब से देखें, तो 26 साल के साथ में ये दूसरी बार है जब नीतीश भाजपा से अलग हुए हैं. नीतीश साल 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब से लेकर अब तक सात बार वह इस पद पर रह चुके हैं. इनमें से पांच बार शपथ के दौरान भाजपा उनकी सहयोगी थी.

बिहार विधानसभा का मौजूदा समीकरण

बिहार में नई सरकार के गठन के बाद समीकरणों का बदलना तय था. आरजेडी के एक विधायक के निधन की वजह से बिहार विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 243 से घटकर 242 रह गई है. जिसमें बीजेपी के पास 77, आरजेडी के पास 79, जेडीयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, सीपीआई (एम-एल) के पास 12, सीपीआई के पास 4, एचएएम के पास 4, एआईएमआईएम के पास 1 और एक निर्दलीय विधायक है.

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