May 12, 2024

केंद्रीय कृषि मंत्री के गृह जिले में खाद के लिए तरस रहे अन्नदाता

भोपाल- केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह नगर मुरैना में किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं। पिछले एक महीने से किसान खाद मिलने की उम्मीद में परेशान हो रहे हैं। सबलगढ़ से लेकर पोरसा तक खाद लेने के लिए महिलाओं को भी सुबह से शाम तक कतार में लगना पड़ रहा है। हर रोज अम्बाह पोरसा, मुरैना, जौरा, कैलारस, सबलगढ़ में तकरीबन 1000 से अधिक महिला-पुरुष, खाद लेने के लिए कतार में लगने मजबूर हैं। मुरैना कृषि उपज मंडी में किसान महिला-पुरुष आधी रात से आकर लाइनों में खड़े हो जाते हैं लेकिन देर शाम तक उन्हें खाद नहीं मिल रहा है।

मुरैना में खाद की कमी नहीं है: तोमर
वहीं, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का दावा है कि जिले में खाद पर्याप्त मात्रा में हैं, मुरैना के अलावा पूरे देश में खाद की कोई कमी नहीं है हो सकता है व्यवस्था में कोई कमी हो उसको भी अधिकारियों से कहकर जल्दी सुधार कराया जाएगा। जिले भर में खाद के और भी काउंटर खोलने के लिए कलेक्टर और कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे ताकि किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े और वे पर्याप्त मात्रा में खाद ले सकें।

जिले में खाद के लिए लगी कतारों ने कृषि मंत्री के दावों की पोल खोलकर रख दी है। जब कृषि मंत्री के जिले में ही खाद के लिए किसानों को तरसना पड़ रहा है तो प्रदेश के बाकी जिलों की क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

सुबह से लग जाती है कतार
जिलेभर में यूरिया डीएपी की भारी किल्लत है। महिलाएं और बच्चे सुबह से ही लंबी-लंबी लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं। अगर उन्हें टोकन मिल जाते हैं, तो खाद दो तीन दिन बाद मिल पा रही है। इधर जौरा कस्बे की सोसाइटी पर भी दो दिन से महिलाएं लगातार खाद के लिए संघर्ष कर रही हैं। वहीं, सबलगढ़ में खाद की किल्लत को लेकर किसान नेताओं ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है। काफी जद्दोजहद के बाद भी एक किसान को सिर्फ तीन से पांच कट्टे खाद दिया जा रहा है, जबकि एक किसान को कम से कम 10 कट्टे खाद चाहिए। इसके लिए वह अपनी पत्नियों, बेटियों, मां-बहनों को साथ लेकर आ रहे हैं।

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