May 8, 2024

दो दिन में ही भारत जोड़ो यात्रा का दिखने लगा जलवा, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में दिखा गजब का उत्साह

नई दिल्ली- राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर हैं। वे कन्याकुमारी से चल पड़े हैं। कह रहे हैं- एक कदम आप बढ़ाइए, एक कदम मैं बढ़ाऊंगा। तब जुड़ेगा भारत। तब जुटेगा भारत। दो दिन में ही लगने लगा है कि इस यात्रा से और कुछ हो न हो, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह जरूर आने वाला है।

यही सफलता के संकेत होते हैं। सफलता सत्ता की नहीं, जहां हैं, वहां से आगे बढ़ने की। आगे जरूर बढ़ा जा सकता है, अगर उत्साह है। उसकी दिशा सही है तो।

बहरहाल, राहुल गांधी की यात्रा का कोई विरोध नहीं कर रहा है, लेकिन जो पार्टियां एक साथ आने की बात कर रही हैं, वे जुड़ भी नहीं रही हैं। होना यह चाहिए कि इस यात्रा में बाकी पार्टियों को भी जुड़ना चाहिए। एक-एक कर ही सही, एक-एक दिन उस यात्रा का हिस्सा सबको बनना चाहिए। सब विपक्षी पार्टियों को।

अहंकार तभी छूटेगा। दुख के बादल तभी छंटेंगे। और कोई रास्ता नहीं। और कोई मार्ग नहीं। यात्रा के जरिए कई राजनीतिक आंदोलन या मिशन सफल हुए हैं। गांधी जी की यात्राओं को तो आज की राजनीति से जोड़ा नहीं जा सकता, लेकिन आडवाणी की यात्रा, चंद्रशेखर की यात्रा, मुरली मनोहर जोशी की यात्रा को राजनीतिक रूप से सफल जरूर कहा जा सकता है।

राहुल गांधी की यात्रा कितनी सफल होगी, अभी से तो कहा नहीं जा सकता, लेकिन एक बात तय है कि इससे कांग्रेस पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं में जोश जरूर आएगा। जो फिलहाल मायूस हैं। निराश भी। सही भी है। लगातार हार, अनवरत विफलता से मन टूट जाता है। कार्यकर्ताओं के टूटे हुए मन को जोड़ने का ही एक उपक्रम है यह भारत जोड़ो यात्रा।

कन्याकुमारी से कश्मीर तक फैले कार्यकर्ताओं में अगर यह यात्रा उत्साह ला पाती है तो निश्चित ही यह कांग्रेस पर राहुल गांधी का उपकार होगा। अब तक जितनी भी हार के ठीकरे उनके सिर फोड़े गए हैं, सब के सब गायब हो जाएंगे।

फिर कोई गुलाम नबी राहुल को कांग्रेस के पराभव का दोषी बताकर पार्टी नहीं छोड़ पाएगा। दरअसल, यह यात्रा राहुल गांधी के उद्धार का उपक्रम कहा जाए तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

About Author