भोपाल- मध्य प्रदेश में आज ब्लैकआउट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रदेश के 70 हजार से ज्यादा बिजलीकर्मी अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाइज एवं इंजीनियर्स के बैनरतले बिजलीकर्मी सभी कामों का बहिष्कार करेंगे। हड़ताल के दौरान वे न तो लाइन फॉल्ट सुधारेंगे और न ही नए बिजली कनेक्शन देने की प्रोसेस करेंगे। ऐसे में आम लोगों के सामने मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
उधर आउटसोर्स बिजली कर्मचारी तीन दिन पहले से ही हड़ताल पर चल रहे हैं। यूनाइटेड फोरम उनका समर्थन भी कर चुका है। वे 21 जनवरी से ही प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं। हड़ताल के कारण न तो बिजली बिलों की वसूली हो सकेगी और न ही पेट्रोलिंग, सर्वे के काम होंगे।
यूनाइटेड फोरम के प्रदेश संयोजक केएस परिहार ने बताया कि इससे पहले 6 जनवरी को ही बिजलीकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले थे, लेकिन एनआरआई मीट के चलते यह स्थगित कर दी गई थी। हमें आश्वासन दिया गया था कि 15 दिन के भीतर मुख्यमंत्री के साथ बैठक कराई जाएगी, लेकिन यह अवधि बीत गई। अब तक कोई बैठक नहीं हुई और न ही मांगों पर विचार किया गया। ऐसे में हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
क्या है मांगें
- संविदा बिजलीकर्मियों को तत्काल नियमित किया जाए।
- आउटसोर्स कर्मचारियों को संविलियन करते हुए कार्यावधि एवं वरिष्ठता के अनुसार वेतनवृद्धि और उनके सुरक्षित भविष्य के लिए नीति। 20 लाख रुपए तक दुर्घटना बीमा कराया जाए।
- पुरानी पेंशन बहाली। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके।
- वेतन विसंगति दूर करने के लिए कमेटी बनाई जाए।
- कई वर्षों से लंबित फ्रिंज बेनिफिटस का पुर्ननिरीक्षण करते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए कैशलेस मेडिक्लेम पॉलिसी लागू की जाए।
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