April 30, 2024

मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव पर कांग्रेस ने 8 सीटों पर हासिल की जीत

भोपाल- मध्य प्रदेश में 20 जनवरी को हुए नगरीय निकाय चुनाव की काउंटिंग पूरी हो चुकी है। सभी 19 निकायों के रिजल्ट आ गए हैं। कांग्रेस ने इस चुनाव में 8 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं सत्ताधारी दल भाजपा 10 सीटें जीतने में कामयाब रही। अनूपपुर की जैतहरी नगर परिषद में दो निर्दलीय पार्षद किंगमेकर होंगे।

कांग्रेस के खाते में दो नगर पालिका की सीट और 6 नगर परिषद की सीट आई है। जबकि सत्ताधारी दल ने चार नगर पालिका और 6 नगर परिषद में जीत दर्ज की है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गृहनगर राघौगढ़ नगर पालिका में कांग्रेस ने 16 वार्डों में जीत हासिल की है। जबकि भाजपा को 8 वार्डों में जीत मिली है। यहां पर कुल 24 वार्डों के लिए मतदान हुआ था।

बडवानी में कड़ा टक्कर देखने को मिला। यहां 24 वार्डों में से 14 पर भाजपा और 10 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। यह प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रेम सिंह पटेल व राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी का क्षेत्र है। खरगोन लोकसभा सांसद गजेंद्र पटेल भी इसी इलाके से आते हैं। यहां भाजपा के लिए चौंकाने वाला परिणाम वार्ड 9 में रहा। जहां से भाजपा के लोकसभा और राज्यसभा सांसद आते हैं बावजूद इस वार्ड में बीजेपी चुनाव हार गई।

पीथमपुर नगर पालिका पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। यहां कांग्रेस को 17 वार्डों में में जीत मिली है, वहीं भाजपा को 12 वार्डों में ही सिमटकर रह गई। इस नगर पालिका में भाजपा का कब्जा था। यानी कांग्रेस ने ये सीट भाजपा से छीन ली है। पिछली बार यहां भाजपा के 22 पार्षद थे। इस बार सीधे 10 पार्षद कम हो गए। धार जिले की राजगढ़ नगर परिषद में भी कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। यहां पर कांग्रेस के 9 पार्षद जीते वहीं भाजपा के 4 उम्मीदवार ही चुनाव जीत पाए हैं।

अनूपपुर की जैतहरी नगर परिषद में भी कड़ा मुकाबला देखने को मिला। यहां 15 वार्डों में 7 पर भाजपा जबकि 6 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 2 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं। ये प्रदेश के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल का क्षेत्र है। यहां कांटे की टक्कर में यहां भाजपा जरूर आगे है लेकिन अध्यक्ष पद का पेंच फंस गया है। यहां कांग्रेस 2 निर्दलीय पार्षदों के समर्थन से अध्यक्ष बनाने की कोशिश करेगी।

बता दें कि साल 2018 में हुए 19 नगर पालिका और नगर परिषद चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला बराबरी पर रहा था। 9 सीटों पर भाजपा और 9 सीटों पर ही कांग्रेस की भी जीत हुई थी। वहीं एक पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी।

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