किसानों का 15 घंटे तक चक्काजाम; सीएम के हस्तक्षेप के बाद खत्म हुआ प्रदर्शन
जबलपुर – जबलपुर कृषि उपज मंडी में मटर के दाम 3 रुपए प्रति किलो मिलने से नाराज किसानों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने मटर सड़क पर फेंक दी। मंडी की मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया। 15 घंटे तक हंगामे के बाद जिला प्रशासन के 700 रुपए प्रति बोरी मुआवजा देने के आश्वासन के बाद ही प्रदर्शन खत्म किया जा सका।
दरअसल, सोमवार शाम को किसान मटर लेकर मंडी पहुंचे तो व्यापारियों ने 3 रुपए प्रति किलो की बोली लगाई। काफी देर तक बातचीत के बाद भी वे दाम बढ़ाने को तैयार नहीं हुए। इससे किसान आक्रोशित हो गए। उन्होंने मटर से भरी गाड़ियां मंडी परिसर में ही खड़ी कर दीं। किसानों का कहना था कि मटर की लागत 12 से 13 रुपए प्रति किलो आती है जबकि व्यापारी 5 रुपए किलो के हिसाब से भी मटर नहीं खरीद रहे हैं। वहीं, व्यापारियों का कहना था कि मंडी में मटर की बंपर आवक से ऐसे हालात बने हैं।
पूरी रात लगा रहा जाम, सीएम तक पहुंचा मामला
किसानों ने सोमवार देर रात करीब 10 बजे मंडी में जाम लगा दिया था, जो पूरी रात रहा। मंगलवार सुबह कई किसानों ने करीब 100 बोरी मटर सड़क पर फेंक दी। मंडी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। दिनभर मंडी प्रशासन और किसानों के बीच बातचीत चलती रही। दोपहर करीब 2 बजे मंडी सचिव आरके सैय्याम ने कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन से फोन पर बात की।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मामले की जानकारी दी। इसके बाद निर्णय लिया गया कि हर किसान को 700 रुपए प्रति बोरा के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। सैय्याम ने ये जानकारी दी तो किसानों ने दोपहर करीब 3 बजे प्रदर्शन खत्म किया।
किसान बोले- माल सड़ जाएगा, कहां ले जाएं
दमोह से फसल बेचने जबलपुर आए किसान चंदन सिंह ने कहा- कल रात से मंडी में 50 बोरा मटर लेकर खड़े हैं। 12 रुपए प्रति किलो लागत आई है। व्यापारी तीन रुपए किलो में ले रहे हैं। ऐसे में माल सड़ जाएगा। 150 बोरे मटर लेकर पहुंचे किसान दिलीप झारिया ने अपना पूरा माल व्यापारी के रेट पर ही बेच दिया। जब पैसे देने की बारी आई तो व्यापारी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि गाड़ी जाम में फंसी है। ऐसे में हम मटर नहीं खरीदेंगे।
तीन गुना ज्यादा आवक से बने ऐसे हालात
जबलपुर कृषि उपज मंडी की क्षमता करीब 200 गाड़ियों की है, जबकि पिछले तीन दिन से 500 से 700 गाड़ी मटर की आवक हो रही है। एक हफ्ते पहले तक मंडी में मटर का थोक भाव 20 से 25 रुपए प्रति किलो था। तीन गुना ज्यादा आवक होने से मटर के दाम औंधे मुंह आ गिरे।
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